मुंबई, 24 फरवरी (आईएएनएस)। निर्देशक दिबाकर बनर्जी का कहना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) सिर्फ यह तय करे कि फिल्म किस आयुवर्ग को देखनी चाहिए। फिल्म की विषयवस्तु कैसी हो, इसका फैसला फिल्मकारों व दर्शकों पर छोड़ देना चाहिए।
‘शंघाई’ फिल्म बनाने वाले दिबाकर ने कहा, “यह समस्या सिर्फ तभी हल होगी, जब फिल्में देखने और उन्हें बनाने वाले लोग साथ आएं और बोलें कि ‘हम क्या देखना व बनाना चाहते हैं, इसका फैसला हमें करने दीजिए। आप (सेंसर बॉर्ड) बस यह निर्णय लें कि फिल्म को इस आयुवर्ग के दर्शकों द्वारा देखा जाना चाहिए।”
दिबाकर तीन किताबों के लांच के मौके पर बोल रहे थे।
इस दौरान फिल्मकार विधु विनोद चोपड़ा भी उपस्थित थे।
विधु विनोद चोपड़ा ने हाल में सीबीएफसी की ओर से वर्जित शब्दों की एक सूची जारी किए जाने की निंदा की। वह कहते हैं कि ऐसा करना हास्यास्पद व मूर्खतापूर्ण है।