हिमाचल-विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के लिए एक बड़ा संकेत छिपा है. हिमाचल में मिली जीत से यह साफ हो गया है कि भूपेश बघेल, कांग्रेस की उस नैया को किनारे तक ला सकते हैं जो इन दिनों सिय़ासत के सागर में हिचकोले खा रही है. बघेल को हिमाचल में कांग्रेस का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था, उनके साथ यह जिम्मेदारी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दी गई थी. बघेल-हुड्डा ने बिना किसी शोर शराबे के अपनी जिम्मेदारी संभाली और जमीनी हकीकत को समझते हुए बीजेपी के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार किया. नतीजतन वह पार्टी की झोली में एक और राज्य खींचकर ला सके. यह पहला मौका नहीं है, भूपेश बघेल इससे पहले भी इस तरह का कारनामा करके राजनीतिक पंडितों को हैरान कर चुके हैं.भूपेश बघेल को शायद जीत के बाद विधायकों के खरीद फरोख्त की भी आंशका था, लिहाजा पूरी तस्वीर साफ होने से पहले बघेल ने कांग्रेस के सभी विधायकों को राज्य से बाहर शिफ्ट करने का प्लान भी तैयार किया था. इस पूरी मुहिम में उन्हें प्रियंका गांधी का समर्थन मिल रहा है. भूपेश बघेल ने इससे पहले छत्तीसगढ़ में सभी को चौंका दिया था. उन्होंने राज्य में बीजेपी के 15 साल के शासन का अंत करके पार्टी को जीत का जश्न मनाने का मौका दिया था. यह वह दौर था जब मोदी लहर, दूसरी बार देश के सियासी मानचित्र को भगवामय कर रही थी.
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