चेन्नई, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। मेट्रो रेल जैसी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं का विकास और आर्थिक सुधार से चेन्नई में आवासीय, कार्यालयीय और वाणिज्यिक रियल एस्टेट श्रेणियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जोंस लैंग लैसले (जेएलएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
अधिकारी के मुताबिक, भारत में रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) को परिचालन शुरू करने के बाद केवल तीन या चार सालों में ही व्यापक स्तर पर कामकाज शुरू होने की उम्मीद है।
जेएलएल के रणनीतिक सलाह विभाग के राष्ट्रीय निदेशक शंकर अरुमुघम के मुताबिक, “चेन्नई अनबिके आवासीय संपत्तियों की समस्या से बाहर निकलने जा रहा है। मेट्रो रेल जैसे बुनियादी ढांचे के विकास से रेल मार्गो के आसपास स्थित आवासीय संपत्तियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
अरुमुघम ने ये बातें यहां शुक्रवार शाम आगराट्रेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
उनके मुताबिक, लगभग 50 प्रतिशत आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाएं दक्षिण चेन्नई में आने जा रही है, जहां उत्तरी चेन्नई का योगदान कम है।
अरुमुघम का कहना है कि हालांकि इन संपत्तियों की खपत दर दक्षिण चेन्नई की तुलना में उत्तर चेन्नई में अधिक है।
व्यावसायिक क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा कि शहर में अगली कुछ तिमाहियों में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में मांग बढ़ने वाली है।
अरुमुघम का कहना है कि आरईआईटी और प्रस्तावित रियल एस्टेट कानून से इस क्षेत्र में अधिक व्यावसायिकता आ जाएगी।