नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले हिंदुत्व का मुद्दा उछालने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह ‘अधिनायकवादी नेता पंथ’ को बढ़ावा दे रही है।
माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में छपे संपादकीय में उत्तर प्रदेश में 12-13 जून को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा गया है कि यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा राष्ट्रपति अमित शाह के बीच ्न’श्रम के विभाजन’ की पुष्टि करता है।
माकपा ने कहा, “मोदी ने जहां ‘विकास’ व देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, वहीं अमित शाह ने हिंदुत्व मुद्दा, जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना से कथित तौर पर हिंदुओं के पलायन की बात की।”
लेख के मुताबिक, “मोदी ने वादा किया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह राज्य का विकास करेगी जबकि दूसरी तरफ अमित शाह ने जांचे-परखे हिंदुत्व एजेंडे पर जोर दिया।”
माकपा ने कहा कि कैराना से मुसलमानों के डर से 346 हिंदू परिवारों के घर छोड़ने का भाजपा सांसद हुकुम सिंह का आरोप प्रशासन व मीडिया ने फर्जी पाया है।
लेख में कहा गया है, “पाया गया कि सूची में शामिल कई लोगों ने बेहतर नौकरी व आजीविका की तलाश में वर्षो पहले कस्बे को छोड़ दिया था। कुछ अब जीवित भी नहीं हैं।”
माकपा ने कहा, “कैराना पलायन मुद्दा पूरी तरह नाकाम होने के बावजूद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसे गंभीरतापूर्वक लिया और मामले की जांच के लिए सांसदों के आठ सदस्यीय दल को वहां भेजा, ताकि चुनाव (उत्तर प्रदेश) में सांप्रदायिक एजेंडा बरकरार रहे।”
संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा की बैठक में मोदी को सरकार और पार्टी का सुप्रीम नेता बताने की कवायद हुई। जो हो रहा है वह यह है कि भाजपा अधिनायकवादी नेता के पंथ को बढ़ावा देने के प्रयास में लगी है।