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 भारत ने शेक्सपीयर के साहित्यिक अवधान का मूल्य चुकाया है : राजनयिक | dharmpath.com

Tuesday , 13 May 2025

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भारत ने शेक्सपीयर के साहित्यिक अवधान का मूल्य चुकाया है : राजनयिक

स्टार्टफोर्ड-अपॉन-एवन, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। शेक्सपीयर का भारत मोतियों और बहुमूल्य नगीनों से परिपूर्ण था। वहां के लोग बहुत धार्मिक थे और पर्दानशीं औरतें अपनी सांवले सौंदर्य के लिए मशहूर थीं। भारत ने भी शेक्सपीयर के इस अवधान का मूल्य पूरी तरह चुकाया है। ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त नवतेज सरना ने यह बात कही।

सरना ने कई पुस्तकें लिखीं हैं और लंदन में पूरे राजनयिक समाज की ओर से शेक्सपीयर के जन्मस्थल पर उनके 452वें जन्मदिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि शेक्सपीयर के नाटकों में तब के भारत के कई संदर्भो का उल्लेख किया गया है जब भारत में मुगलों का शासन था।

सरना ने कहा कि यह मशहूर था कि भारत में बहुत बेहतरीन शाही व्यवस्था है, शानदार और धन से परिपूर्ण देश है, मसाले से भरा है और दूर है.. ईस्ट इंडिया कंपनी अगले 200 सालों तक वहां अपने राज की स्थापना नहीं कर पाएगी।

सरना ने कहा कि शेक्सपीयर ने भारत के बारे में लंदन के नाविकों से सुनी कहानियों एवं उन्हीं से मिली जानकारी से जाना था और शेष काम उनकी कल्पना ने कर दी थी।

उनका भारत बहुत अधिक धनी था। अपने बहुमूल्य मोतियों और नगीनों के लिए मशहूर था।

सरना ने कहा कि भारत ने भी उनके इस सम्मान का मूल्य चुकाया। शेक्सपीयर की मौत के 150 साल के अंदर उनके नाटक कलकत्ता और बंबई जैसे शहरों में मंचित किए जाने लगे थे। 19वीं शताब्दी तक तो शेक्सपीयर के नाटक स्कूलों और कॉलेजों में होने लगे थे। ऐसा पहला नाटक कलकत्ता के हिंदू कॉलेज में 1822 में हुआ था।

भारत ने शेक्सपीयर के साहित्यिक अवधान का मूल्य चुकाया है : राजनयिक Reviewed by on . स्टार्टफोर्ड-अपॉन-एवन, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। शेक्सपीयर का भारत मोतियों और बहुमूल्य नगीनों से परिपूर्ण था। वहां के लोग बहुत धार्मिक थे और पर्दानशीं औरतें अपनी सां स्टार्टफोर्ड-अपॉन-एवन, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। शेक्सपीयर का भारत मोतियों और बहुमूल्य नगीनों से परिपूर्ण था। वहां के लोग बहुत धार्मिक थे और पर्दानशीं औरतें अपनी सां Rating:
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