पटना, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने यहां शनिवार को कहा कि प्रत्येक नागरिक के मानवाधिकारों का संरक्षण सरकारों का प्रमुख दायित्व है। यह तभी संभव है जब सरकार के विभिन्न प्रशासनिक तंत्र कानून, नीतियों, नियमों, कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावकारी ढंग से लागू करे। राज्यपाल ने ‘बिहार मानवाधिकार आयोग’ की तरह ‘राज्य कर्तव्य आयोग’ के गठन का भी सुझाव दिया।
बिहार मानवाधिकार आयोग के तत्वावधान में पटना में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ समारोह में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी तत्पर रहना चाहिए।
राज्यपाल ने ‘बिहार मानवाधिकार आयोग’ की तरह ‘राज्य कर्तव्य आयोग’ के गठन का भी सुझाव दिया, जो संविधान में वर्णित नागरिकों के प्रमुख कर्तव्यों के प्रति जनजागृति पैदा करे।
उन्होंने कहा, “नागरिकों में अपने कर्तव्यों के अनुपालन के प्रति दायित्व-बोध विकसित करना भी बहुत जरूरी है।”
राज्यपाल ने कहा कि राज्य की सभी शिक्षण संस्थाओं के पाठ्यक्रमों में भी मानवाधिकार विषय पर एक मॉड्यूल शामिल किया जाना चाहिए। राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं से संपर्क कर, इसे सुनिश्चित कराया जाना चाहिए और इस दिशा में बिहार मानवाधिकार आयोग का सहयोग प्राप्त करना चाहिए।
जनता के बीच भी मानवाधिकारों के संरक्षण का व्यापक प्रचार-प्रसार भी आवश्यक है। उन्होंने मीडिया से भी इसमें सहयोग की अपील की।
राज्यपाल ने कहा कि यह संतोषजनक है कि बिहार में वर्ष 2016 में 15 नवंबर तक दर्ज 7,486 नए मामलों तथा पूर्व के लंबित मामलों सहित कुल 8687 मामलों का निष्पादन किया गया है। आयोग द्वारा कई मामलों का स्वत: संज्ञान भी लिया गया है। यह आयोग की सक्रियता को दर्शाता है।