नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि ज्यादातर रेल दुर्घटनाएं मानव रहित समपारों की वजह से होती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के सभी समपारों को राष्ट्रीय प्राथमिकता के तौर पर हटाने की जरूरत है।
प्रभु ने प्रश्नकाल में सदस्यों से कहा, “मानव रहित समपारों को हटाना राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं वहीं होती हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे अधिकारियों को अगले तीन सालों में सभी मानव रहित समपारों को हटाने के निर्देश दिए हैं।
राजू शेट्टी (स्वाभिमानी पक्ष) सहित दूसरे सदस्यों के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि हम तीन साल में इसे पूरा कर लेंगे और सभी मानव रहित समपारों को हटा दिया जाएगा, लेकिन कम से कम मंजूर परियोजनाओं के लिए काम तो शुरू कर ही दिया गया है।”
उन्होंने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण फैसले मौजूदा सरकार के द्वारा शीघ्रता से काम करने के लिए लिए गए हैं। इससे पहले मानव रहित समपारों को हटाने की मंजूरी की प्रक्रिया में दो साल लग जाते थे।
रेल और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के बीच हुए एक समझौते का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) अब एकल इकाई के तौर पर स्वंय के खर्च से राष्ट्रीय राजमार्गो पर ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज बनाने का काम करेगा।
प्रभु ने कहा कि रेलवे ने 1,592 ओवरब्रिज और अंडरब्रिज के निर्माण को मंजूरी दी है। इसमें से 213 पूरे हो चुके हैं और प्रयोग में लाए जा रहे हैं।
सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए धन की जरूरत को पूरा करने के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए श्रेणीबद्ध राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके लिए वित्त मंत्रालय से बातचीत हो रही है।