नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। संशोधित तीन तलाक विधेयक पर सोमवार को राज्यसभा में चर्चा नहीं शुरू हो सकी, क्योंकि विपक्ष इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग पर अड़ा रहा। सत्तापक्ष के लोगों ने कहा कि विधेयक को पारित होने से रोकने के लिए जानबूझकर देरी की जा रही है।
सदन में विपक्ष और सरकार के बीच गरमागर्म बहस देखने को मिली, जिसके चलते उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को मजबूरन दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर राजनीति करने के आरोप लगाए।
कार्यवाही स्थगित होने और भोजनावकाश होने के बाद उपसभापति ने कहा कि लोकसभा में पिछले सप्ताह पारित तीन तलाक विधेयक पर अब सदन में चर्चा शुरू होगी। हालांकि, विपक्ष के सदस्य खड़े होकर इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग करने लगे।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार 1993 से विधायी जांच के लिए स्थायी समिति के पास महत्वपूर्ण विधेयक भेजने की प्रथा की अवहेलना कर रही है।
उन्होंने कहा, “चूंकि सरकार इस तरह के विधेयक स्थायी समिति को नहीं भेजती है, इसलिए राज्यसभा में विपक्ष इसे प्रवर समिति के पास भेजने को लेकर लड़ने के लिए मजबूर है।”
आजाद ने कहा कि यह विधेयक सकारात्मक या नकारात्मक रूप से करोड़ों लोगों को प्रभावित करेगा और संसद द्वारा इसकी जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल एक प्रस्ताव लाना चाहते हैं कि विधेयक को प्रवर समिति में भेजा जाए।
आजाद ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) द्वारा कावेरी नदी पर प्रस्तावित बांध निर्माण का विरोध किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि 90 प्रतिशत विपक्षी दल चाहते हैं कि सदन चले।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ’ ब्रायन ने कहा कि अधिकांश विपक्षी दल विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग को लेकर एकजुट हैं और संसदीय जांच के बाद इस पर चर्चा करने और इसे पारित करने के लिए तैयार हैं। उन्होंेने बताया कि विधेयक प्रवर समिति में भेजने के लिए उन्होंने नोटिस दिया है।
संसदीय मामलों के मंत्री विजय गोयल ने कहा कि विपक्ष विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग कर इसके पारित होने में देरी कर रहा है।
उन्होंने कहा, “देश को यह संदेश जाएगा कि वे विधेयक पारित होने में व्यवधान डाल रहे हैं। वे मुसलमानों के पक्ष में नहीं हैं। वे महिलाओं को उनका अधिकार देने के पक्ष में नहीं हैं। वे राजनीति कर रहे हैं।”
गोयल ने कहा, “हम बहस के लिए तैयार हैं। बहस अभी शुरू होनी चाहिए।”
गतिरोध जारी रहने पर उपसभापति ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य फिर से अपनी मांग पर अड़े रहे।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मंत्री ने विपक्ष पर झूठे आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष विधेयक का विरोध नहीं कर रहा है। सरकार राजनीति कर रही है। विधायी जांच के बिना विधेयक पारित नहीं किया जा सकता है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह मुद्दा मानवता की चिंता करता है।
उन्होंने कहा, “सर्वोच्च अदालत द्वारा गैर-कानूनी घोषित किए जाने के बावजूद तीन तलाक हो रहे हैं। विधेयक में देरी नहीं किया जाना चाहिए। सरकार विपक्ष के सुझावों पर विचार करने को तैयार है।”
इससे पहले हरिवंश ने बार-बार सदन स्थगित होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूरा देश यह सब देख रहा है।
लोग यह देख रहे हैं कि लोकसभा चल रही है, लेकिन राज्यसभा नहीं चल रही है।