तेहरान, 12 जून (आईएएनएस)। विदेश मंत्री जावाद जरीफ ने कहा है कि निवेश के लिए ईरान सर्वाधिक सुरक्षित एवं लाभदायक बाजार है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, जरीफ ने कहा, “यहूदी एवं सऊदी अरब जैसे दुश्मन, बैंकों से यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि ईरान निवेश के लिए सुरक्षित नहीं है लेकिन हमें दुनिया को वास्तविकता निश्चित रूप से दिखानी होगी।”
उन्होंने कहा, “पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण ईरान के विदेश स्थित जिन वित्तीय संसाधनों पर रोक थी, वे अब उपलब्ध हो गए हैं और विदेशी बैंक ईरान के बैंकों के साथ अपने संबंध बहाल कर रहे हैं।”
जरीफ ने कहा, “ईरान के खिलाफ अमेरिका के कुछ अनुचित प्रतिबंध अब भी जारी हैं, इसका कारण हमारी आधिपत्य विरोधी नीतियां हैं।” उन्होंने कहा कि इसी वजह से ईरान के खिलाफ अमेरिकी विरोध और दबाव कभी खत्म नहीं होंगे।
जनवरी से जब ज्वायंट कंप्रेहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) लागू किया गया, ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
ईरान ने घोषणा की है कि वह अंतर्राष्ट्रीय निवेश का स्वागत करता है, खासकर ऊर्जा उद्योग में। लेकिन, कंपनियां इस देश में निवेश के लिए अपने कदम पीछे खींच रहीं हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर भी है कि अमेरिका और ईरान के तल्ख रिश्तों की वजह से उन्हें बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही इस देश में और देश से बाहर पैसा हस्तांतरित करने में भी जटिलताएं हैं।
मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन और आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर अमेरिका ने ईरान पर अब भी प्रतिबंध लगा रखे हैं। ईरान इन आरोपों से इनकार करता रहा है।
अमेरिका ने हाल ही में कुछ ईरानी एवं विदेशी संस्थाओं को देश (ईरान) के मिसाइल कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से कालीसूची में डाला है। इसके अलावा ईरान से जुड़े अमेरिकी वित्तीय संस्थानों पर डॉलर में लेन-देन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन प्रतिबंधों के जारी रहने के कारण अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने चिंता जताई है कि यदि उन्होंने ईरान में निवेश किया तो वे अमेरिकी कानून के शिकार बन जाएंगे।