वाशिंगटन, 17 मार्च (आईएएनएस)। अंतरिक्ष की दुनिया में अन्वेषकों ने एक रोचक खोज करते हुए क्षुद्र ग्रह चिरॉन के चारों ओर शनि ग्रह की तरह ही वलय होने का पता लगाया है।
अब तक हमारे सौर मंडल में वलय वाले पांच ग्रहों के बारे में जानकारी थी। शनि ग्रह के बाद बृहस्पति, यूरेनस और नेप्चून के चारों ओर गैस और धूल से निर्मित वलयाकार आकृति मौजूद है।
हमारे सौर मंडल का वलय से घिरा पांचवां सदस्य है चारिक्लो, जो क्षुद्रग्रह और धूमकेतू के संयुक्त गुण वाला आकाशीय पिंड है।
मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान में व्याख्याता एमांडा बॉश ने कहा, “यह खोज बहुत ही रोचक है, क्योंकि चिरॉन एक सेंटॉर है। सेंटॉर हमारे सौर मंडल में बृहस्पति और प्लूटो के बीच पाए जाते हैं और हमारा अब तक ऐसा मानना रहा है कि इस क्षेत्र में मौजूद आकाशीय पिंड क्रियाशील नहीं होते, लेकिन इस नई खोज से पता चलता है कि इस क्षेत्र में भी कुछ चीजें क्रियाशील हैं।”
अनुसंधानकर्ता दल ने 2011 में ग्रहण लगने का पता लगाया जिसमें चिरॉन एक चमकीले तारे के आगे से होकर गुजरा और उस तारे की रोशनी को रोका।
बॉश ने कहा, “इस खोज के लिए हमें भाग्य के सहारे रहना पड़ा और इंतजार करना पड़ा कि चिरॉन किसी चमकीले तारे के आगे से गुजरे। चिरॉन खुद इतना छोटा है कि ग्रहण का समय बेहद छोटा रहा और आंख झपकाने भर के समय में समाप्त हो गया।”
शोध पत्रिका ‘इकैरस’ में यह शोध-पत्र प्रकाशित हुआ है।