मुंबई में प्रभादेवी स्थित सिद्धिविनायक मंदिर देश में गणेश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। महाराष्ट्र में गणपति पूजा की ऐतिहासिक लोकप्रियता से हम सभी परिचित हैं ही। सिद्धिविनायक के पुराने मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा 19 नवंबर, 1801 को की गई थी। उस समय एक छोटे से मंदिर के रूप में स्थापित यह मंदिर अब मुंबई के सबसे भव्य व संपन्न मंदिरों में से एक है। नेताओं-अभिनेताओं व बॉलीवुड फिल्मों ने 1975 के बाद से इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में आश्चर्यजनक तरीके से इजाफा किया। यहां स्थापित गणेश की प्रतिमा भी विशिष्ट है। भव्य सिंहासन पर स्थापित ढाई फुट ऊंची और दो फुट चौड़ी प्रतिमा एक ही काले पत्थर से गढ़ी गई है। उनकी चार भुजाओं में से एक में कमल, दूसरे में फरसा, तीसरे में जपमाला और चौथे में मोदक है। बाएं कंधे से होते हुए उदर पर लिपटा सांप है। माथे पर एक आंख उसी तरह से है, जैसे शिव की तीसरी आंख होती है। प्रतिमा के एक तरफ रिद्धि व दूसरी तरफ सिद्धि की प्रतिमा है।
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