नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में स्मार्ट शहरों के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सुरक्षा, आधुनिक सोच और बुनियादी सुविधाओं तक समाज के हर वर्ग के नागरिक की पहुंच को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘सेफ एंड स्मार्ट सिटीज’ विषय पर आयोजित ‘होमलैंड सिक्योरिटी-2015’ समारोह में ये बातें प्रमुख रहीं।
देश की अग्रणी सुरक्षा सेवा प्रदाता कंपनी ‘जी4एस’ के प्रबंध निदेशक अशोक वाजपेयी ने कहा कि देश में स्मार्ट शहरों के विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी बेहद अहम है।
वाजपेयी ने कहा, “हमें दुनिया के अन्य हिस्सों से सीखने की जरूरत है। लंदन में 2005 में हुए आतंकवादी हमले के बाद 17,000 कैमरे लगाए गए। भारत में भी शहरों में इस तरह के अत्याधुनिक सुविधाओं के विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “हमें हर स्तर पर सार्वजनिक ढांचे को स्मार्ट नागरिकों से जोड़ना होगा। हमें प्रतिक्रियावादी की जगह अत्यधिक सक्रिय होना होगा।”
फिक्की के इस समारोह में उपस्थित संसद की गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष पी. भट्टाचार्य ने कहा कि स्मार्ट शहर में समाज के विभिन्न तबकों को समाहित करने की बात पर जोर नहीं दिया जा रहा।
भट्टाचार्य ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ये स्मार्ट शहर कुछ विशेष लोगों के लिए विकसित देश के अलग-थलग हिस्से न हों। इस नवीन पहल को स्मार्ट नेशन के निर्माण के तौर पर देखें।”
दुनिया भर में स्मार्ट सिटी वास्तविकता बनने जा रही है। यह शहर, वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को हल करने और नई सेवाओं के लिए संचार तंत्र, बड़े पैमाने पर फैली वायरलेस सेंसर तकनीक और इंटेलिजेंट मैनेजमेंट सिस्टम्स का प्रयोग करेंगे। स्मार्ट सिटिज लोगों के बीच साईबर स्पेस में संपर्क, इमारतों, परिवहन, ऊर्जा, जल, संचार, व्यावसायिक परिचालन, मीडिया और बहुतायत गतिविधियों के साथ लगातार विकसित हो रही हैं।