Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 स्वच्छ भारत शहरी शौचालय योजना निर्धारित समय से 76 फीसदी पीछे | dharmpath.com

Tuesday , 6 May 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » धर्मंपथ » स्वच्छ भारत शहरी शौचालय योजना निर्धारित समय से 76 फीसदी पीछे

स्वच्छ भारत शहरी शौचालय योजना निर्धारित समय से 76 फीसदी पीछे

मार्च 2016 तक भारत के शहरों में 25 लाख शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 24 फीसदी (6 लाख) शौचालयों का निर्माण ही हो पाया है।

मार्च 2016 तक भारत के शहरों में 25 लाख शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 24 फीसदी (6 लाख) शौचालयों का निर्माण ही हो पाया है।

वहीं, मार्च 2016 तक शहरी क्षेत्रों में एक लाख सामुदायिक शौचालय और सार्वजनिक टॉयलेट सीट के निर्माण की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब तक इसका महज 28 फीसदी (28,948) काम ही पूरा हो पाया है।

गुजरात में दिसंबर 2015 तक 3,27,880 निजी शौचालयों का निर्माण किया गया जो किसी भी दूसरे राज्य से अधिक है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत महत्वाकांक्षी शहरी शौचालय योजना बनाई गई थी। इसके तहत साल 2019 तक भारत को खुले में शौचमुक्त करना है। लोकसभा में सरकार द्वारा रखे गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे चरण के तहत कूड़ा प्रबंधन योजना चलाया गया जो अपने लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है।

सितंबर 2015 में शुरू की गई शौचालय निर्माण की योजना का लक्ष्य अगर पूरा कर भी लिया जाए तो भारतीय शहरों के 37.7 करोड़ लोगों द्वारा पैदा किए गए सीवेज के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से के निस्तारन की कोई व्यवस्था नहीं है।

इंडियास्पेंड रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है कि बाकी गैरनिस्तारित सीवेज को नदियों, समुद्र, झीलों और तालाबों में बहा दिया जाता है जो भारत की तीन चौथाई जल निकायों को प्रदूषित करता है।

भारत के शहरों में 8.5 करोड़ से ज्यादा लोग पर्याप्त सफाई की कमी से जूझ रहे हैं जो की जर्मनी की कुल आबादी से भी ज्यादा है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में 19 लाख शौचालयों का निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन इनकी प्रगति काफी धीमी है।

जिन 4-5 राज्यों में शौचालय निर्माण में तेजी देखने को मिल रही है, वे भी भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित राज्य हैं।

गुजरात में दिसंबर 2015 तक सबसे ज्यादा 3,27,880 शौचालयों का निर्माण किया गया। उसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर है। इस सूची में शीर्ष पांच राज्यों में आंध्र प्रदेश इकलौता राज्य है जहां भाजपा शासन में नहीं है।

जिन राज्यों में शौचालय के निर्माण की गति काफी धीमी है, उनमें दिल्ली और उत्तराखंड प्रमुख हैं। हालांकि इन राज्यों में पहले से ही ज्यादातर घरों में शौचालय है।

लोकसभा में दाखिल किए गए जवाब के मुताबिक भारत में शहरों में रहने वाले 81 फीसदी लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं, जबकि गांवों में यह संख्या 43 फीसदी है।

जहां तक सामुदायिक शौचालयों का सवाल है दिल्ली इस सूची में शीर्ष पर है।

शौचालय के निर्माण के लिए सीवेज प्रणाली का होना बेहद जरूरी है। भारत में कुल 522 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम कर रहे हैं जिनमें से 62 महाराष्ट्र में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन की स्वच्छता रिपोर्ट के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में मात्र 36.8 फीसदी क्षेत्र में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों के तरल अपशिष्ट की निस्तारण प्रणाली मौजूद है।

यह प्रणाली दिल्ली में 86.8 फीसदी, गुजरात में 64.4 फीसदी और तमिलनाडु में 62.6 फीसदी क्षेत्रों में उपलब्ध है।

महाराष्ट्र ने हाल ही में घोषणा की है कि वह नदियों की सफाई के लिए सीवेज ट्रीटमेंट और सॉलिड वेस्ट के निस्तारन में निवेश बढ़ाएगा, लेकिन सरकार का जोर मुख्य रूप से औद्योगिक कचरों के निस्पादन पर है।

नवंबर 2015 से लागू किए गए स्वच्छ भारत सेस का इस्तेमाल शौचालयों के निर्माण में किया जा रहा है। इस हफ्ते जारी इंडियास्पेंड रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालो में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 1.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया। वहीं, सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 तक खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के लिए अगले तीन सालों में 9.5 करोड़ शौचालयों का निर्माण करना होगा।

स्वच्छ भारत शहरी शौचालय योजना निर्धारित समय से 76 फीसदी पीछे Reviewed by on . मार्च 2016 तक भारत के शहरों में 25 लाख शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 24 फीसदी (6 लाख) शौचालयों का निर्माण ही हो पाया है।मार्च मार्च 2016 तक भारत के शहरों में 25 लाख शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 24 फीसदी (6 लाख) शौचालयों का निर्माण ही हो पाया है।मार्च Rating:
scroll to top