नई दिल्ली, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने फर्जी प्राथमिकी दर्ज की और इसके बाद भाजपा के नियंत्रण वाली दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप पत्र का मकसद दिल्ली सरकार को बदनाम करना है। आप ने कहा कि ये आरोप पहले के मामलों की तरह अदालत में विफल हो जाएंगे।
आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक बयान में कहा, “प्रकाश द्वारा फर्जी प्राथमिकी और इसके बाद भाजपा के नियंत्रण वाली दिल्ली पुलिस का झूठा आरोप पत्र, दिल्ली सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश का हिस्सा है।”
उन्होंने कहा कि प्रकाश की तैनाती नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ‘दिल्ली सरकार को पंगु बनाने’ के लिए दिल्ली में की गई थी।
भारद्वाज ने कहा, “मोदी सरकार की दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व विधायकों के खिलाफ बीते साढ़े तीन सालों में बहुत से झूठे मामले दाखिल किए हैं, जिसमें से सभी सुनवाई के दौरान अदालत में बुरी तरह असफल हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि हालिया मामला भी उसी नियति को प्राप्त होगा।
आप की यह टिप्पणी पटियाला हाउस अदालत द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व 11 आप विधायकों को कथित तौर पर प्रकाश पर हमला करने को लेकर समन किए जाने के बाद आई है।
भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार के जन समर्थक एजेंडे को लेकर मोदी सरकार ‘असुरक्षित’ महसूस कर रही है और इसलिए वह आप सरकार को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार की बीते सप्ताह शुरू की गई डोरस्टेप डिलीवरी योजना को दुनिया भर में सराहना मिल रही है। यह जन समर्थक एजेंडा मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को असुरक्षित कर रही है और बीते साढ़े तीन सालों में मोदी सरकार ने हमारी सरकार को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।”
दिल्ली के मुख्य सचिव ने आरोप लगाया है कि उन पर 19 फरवरी की रात आप विधायकों द्वारा केजरीवाल की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास पर हमला किया गया। उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर बैठक के लिए बुलाया गया था।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल, सिसोदिया, अमानतुल्ला खान, प्रकाश जरवाल, नितिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, परवीन कुमार व दिनेश मोहनिया के खिलाफ अगस्त में आरोप-पत्र दाखिल किया।