नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। एक सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकतर डॉक्टर चाहते हैं कि उनका जीवन साथी भी उन्हीं के पेशे का हो। एक मेडिकल एप आधारित सर्वेक्षण से पता चला है कि करीब 69 प्रतिशत चिकित्सक चाहते हैं कि उनका जीवन साथी चिकित्सा पेशे का ही हो।
क्यूरोफाई नाम का एक नेटवर्किं ग एप है जो डॉक्टरों को दूसरे डॉक्टरों से जोड़ने, जटिल मामलों पर विमर्श करने और दूसरी राय (सेकेंड ओपीनियन) जानने के काम आता है। इसने 1273 डॉक्टरों से संपर्क किया और पाया कि उनमें से अधिकतर ने अपने ही पेशे के जीवन साथी को पसंद किया।
गुड़गांव के डब्ल्यू प्रतीक्षा अस्पताल के ऑनकोलॉजिस्ट रोहन खंडेलवाल ने कहा, “डॉक्टर होने के नाते आपका जीवन अत्यंत व्यस्त होता है और यदि आपका जीवन साथी भी चिकित्सा पृष्ठभूमि वाला है तो दोनों के बीच अधिक तालमेल होगा। मेरी पत्नी मेरे बहुत अधिक देर तक काम करने और असमय होने वाले काम को समझती है और मेरा साथ देती है।”
खंडेलवाल की पत्नी पैथोलॉजिस्ट हैं।
मैक्स हेल्थकेयर में बेरियाट्रिक सर्जरी ईकाई के प्रमुख अंशुमान कौशल ने कहा, “हमारा संवाद प्रभावशाली है। हम लोग एक दूसरे की जरूरतों के प्रति सहानुभूति रखते हैं और हम आपातस्थिति को समझते हैं। हम जिम्मेदारियां साझा करते हैं जो इसे आसान बनाती हैं।”
लेकिन, 31 प्रतिशत डॉक्टरों ने कहा कि वे जीवन साथी के रूप में डॉक्टर को नहीं चुनना चाहेंगे। इनका कहना है कि पति-पत्नी दोनों का ही काम में उतना ही व्यस्त रहना परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करना मुश्किल बना देता है।
फोर्टिस हेल्थकेयर के वरिष्ठ कंसल्टेंट गगन सभरवाल कहते हैं कि दूसरी पृष्ठभूमि के जीवन साथी का सबसे अच्छा पहलू यह है कि जब आप बैठते हैं तो आपके पास दवा के अलावा भी कुछ बातचीत के लिए होता है। इससे जीवन में प्रवाह बना रहता है।
क्यूरोफाई के सह संस्थापक मुदित विजयवर्गीय ने एक बयान में कहा, “सर्वेक्षण से स्पष्ट तौर पर यह खुलासा होता है कि एक खुशहाल, संतोषप्रद और सहज वैवाहिक जीवन के लिए डॉक्टरों की रुचि मेडिकल पृष्ठभूमि के ही जीवन साथी में होती है।”