मनीला, 17 नवंबर (आईएएनएस)। एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (अपेक) की 21 अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर 2015 की दूसरी तिमाही में घटकर 3.1 फीसदी दर्ज की गई, जो प्रथम तिमाही में 3.2 फीसदी थी और एक साल पहले दूसरी तिमाही में 3.4 फीसदी थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मंगलवार को जारी आर्थिक रपट में कहा गया है कि विकास दर में कमी से वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में लगातार चल रही कमजोरी का पता चलता है।
अपेक देशों का शिखर सम्मेलन यहां बुधवार और गुरुवार को होने वाला है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को यहां पहुंच चुके हैं।
सोमवार को शुरू हुआ अपेक का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन मंगलवार को समाप्त हो चुका है।
रपट के मुताबिक, निवेश और निर्यात में कमी को विकास दर घटने का प्रमुख कारण बताया जा सकता है।
अपेक सचिवालय के कार्यकारी निदेशक एलन बोलार्ड ने कहा, “एशिया-प्रशांत के सभी देशों में विकास हो रहा है, लेकिन व्यापार में कमी के कारण विकास दर में कमी की स्थिति का सामना कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “निजी खपत से कुछ मदद मिल रही है, लेकिन इसका बढ़चढ़कर लाभ उठाया जाना चाहिए, ताकि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को पटरी पर रखा जा सके।”
बोलार्ड ने कहा कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था अब भी व्यापार पर अधिकाधिक निर्भर है और विकास की काफी संभावना है, लेकिन अपेक में आम तौर पर माना जा रहा है कि पारंपरिक तरीका काफी नहीं है।
रपट के मुताबिक, 2015 में अपेक क्षेत्र की विकास दर 3.1 फीसदी रहेगी, जो 2014 में 3.4 फीसदी थी।
2016 में यह दर 3.4 फीसदी रहने की उम्मीद है, हालांकि वैश्विक विकास दर इस दौरान 3.6 फीसदी रहेगी।