नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन से पहले भारत ने कहा है कि 54 देशों और 1 अरब 10 करोड़ लोगों के अफ्रीका के एजेंडा 2063 से खुद के रिश्तों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। सम्मेलन सोमवार से शुरू हो रहा है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) नवतेज सरना ने सम्मेलन से पहले संवाददाताओं से कहा, “जिन क्षेत्रों पर हमारा ध्यान है, अगर आप उन्हें देखें तो पाएंगे कि हमें वहीं से शुरू करना होगा कि अफ्रीकी देश क्या चाहते हैं। और, इस मामले में इस शिखर सम्मेलन का खास महत्व है क्योंकि यह अफ्रीका द्वारा एजेंडा-2063 स्वीकार करने के बाद का पहला बड़ा भागीदारी शिखर सम्मेलन है।”
उन्होंने कहा, “यह परिकल्पना दस्तावेज है जो बताता है कि आज से 50 साल बाद अफ्रीकी देश खुद को कहां देखना चाहते हैं। यह दस्तावेज है जो स्थाई विकास, सुशासन, कानून के राज, लोकतंत्र, महिला अधिकार, अक्षय ऊर्जा, दीर्घकालिक मत्स्यपालन के बारे में सोचता है और इन्हें हासिल करने का तरीका बताता है।”
सरना ने कहा, “यह एक दूरगामी दृष्टि रखने वाला दस्तावेज है। हमने इस शिखर सम्मेलन की तैयारी के दौरान इस बात पर खास ध्यान दिया है कि हमारी प्राथमिकताएं और कार्रवाईयां जितना संभव हो उतना एजेंडा 2063 से जुड़ सकें।”
एजेंडा-2063 की वेबसाइट पर इसके बारे में कहा गया है कि यह एक परिकल्पना भी है और कार्ययोजना भी। यह साझा मूल्यों पर आधारित एक समृद्ध और संगठित अफ्रीका के लिए अफ्रीकी समाज के हर तबके से कार्रवाई करने का आह्वान करता है।
2013 में अदिस अबाबा में अफ्रीकी संघ आयोग ने एजेंडा-2063 को मंजूरी दी थी। इससे पहले इसे युवाओं, महिलाओं और प्रवासी अफ्रीकियों के बीच विचार के लिए रखा गया था। लंबी बहस के बाद इसे मंजूर किया गया।