Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 अभयारण्यों के जीव तक टैंकर के पानी पर निर्भर | dharmpath.com

Sunday , 4 May 2025

Home » धर्मंपथ » अभयारण्यों के जीव तक टैंकर के पानी पर निर्भर

अभयारण्यों के जीव तक टैंकर के पानी पर निर्भर

जगदलपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ का इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान और पामेड़ अभयारण्य में कम वर्षा और भीषण गर्मी के कारण जलसंकट उत्पन्न हो गया है। परिस्थितियों से निपटने के लिए विभाग वन्यप्राणियों के लिए जलस्रोतों में बोरिंग और टैंकरों से पानी भरवा रहा है।

जगदलपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ का इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान और पामेड़ अभयारण्य में कम वर्षा और भीषण गर्मी के कारण जलसंकट उत्पन्न हो गया है। परिस्थितियों से निपटने के लिए विभाग वन्यप्राणियों के लिए जलस्रोतों में बोरिंग और टैंकरों से पानी भरवा रहा है।

बताया जा रहा है कि पानी की तलाश में अधिकांश वन्यप्राणी राष्ट्रीय उद्यान में उत्तर में बहने वाली इंद्रावती नदी की तरफ चले गए हैं। अवैध शिकार से इन जीवों को बचाने के लिए विभाग भी मुस्तैद हो गया है। इधर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान व भैरमगढ़ अभयारण्य में फिलहाल स्थिति ठीक है।

बस्तर संभाग में दो राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य हैं। यहां विचरण करने वाले वन्यप्राणियों के लिए कुल 186 प्राकृतिक जलस्रोत हैं। इनके अलावा इंद्रावती टाइगर रिजर्व विभाग की ओर से कोर व बफर इलाके में दर्जनों कृत्रिम जलस्रोत के रूप में तालाब व चेकडैम बनवाए गए हैं। वहीं कई हैंडपंप भी लगवाए गए हैं। बावजूद इसके, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के कोर एरिया में और पामेड़ अभयारण्य में वन्यप्राणियों के अधिकांश जलस्रोत सूख गए हैं।

इंद्रावती टाइगर रिजर्व के कोर व बफर एरिया और पामेड़ व भैरमगढ़ अभयारण्य में कुल 144 और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में 42 प्राकृतिक जलस्रोत हैं, लेकिन टाइगर प्रोजेक्ट रिजर्व एरिया के 75 से अधिक जलस्रोत सूख गए हैं, इसलिए इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के एक लाख 20 हजार हेक्टयेर कोर एरिया और पामेड़ अभयारण्य के 45 हजार हेक्टेयर में विचरण करने वाले वन्यप्राणियों के सामने जलसंकट उत्पन्न हो गया है। विभाग की तत्परता के चलते जलसंकट के कारण किसी वन्यप्राणी की मौत की खबर नहीं है। पानी की तलाश में कुछ वन्यप्राणी कोर एरिया के पश्चिमी इलाके और पासेवाड़ा व सेंड्रा की तरफ चले गए हैं। कुटरू और फरसेगढ़ इलाके में भी जलसंकट है।

सीसीएफ (वन्यप्राणी) श्रीनिवास राव ने कहा कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व के कोर व बफर एरिया और पामेड़ अभयारण्य में विभाग की ओर से खुदवाए गए तालाबों व अन्य जलस्रोतों में टैंकरों व हैंडपंपों से पानी भरा जा रहा है। जलसंकट है, लेकिन समस्या गंभीर नहीं है। स्थान परिवर्तन करने वाले वन्यप्राणियों पर सूक्ष्मता से निगरानी की जा रही है। जंगलों में लगाए गए विशेष कैमरों से भी प्राणियों पर नजर रखी जा रही है।

अभयारण्यों के जीव तक टैंकर के पानी पर निर्भर Reviewed by on . जगदलपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ का इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान और पामेड़ अभयारण्य में कम वर्षा और भीषण गर्मी के कारण जलसंकट उत्पन्न हो गया है। परि जगदलपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ का इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान और पामेड़ अभयारण्य में कम वर्षा और भीषण गर्मी के कारण जलसंकट उत्पन्न हो गया है। परि Rating:
scroll to top