इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। समाचार पत्र न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सैन्य शिविर पर हमले की निंदा करने के लिए जब अमेरिका और ब्रिटेन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा तो उन्होंने सीधे तौर पर मना कर दिया।
न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक के इतर अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ प्रधानमंत्रियों की बैठक में विश्व की दोनों महाशक्तियों ने शरीफ से उड़ी हमले की निंदा करने को कहा था।
सूत्रों के अनुसार, इस आग्रह के जवाब में शरीफ ने कश्मीर घाटी में गत 9 जुलाई से बनी अशांति पर दोनों नेताओं की चुप्पी की बात उठाई।
सूत्रों ने कहा कि शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान हमले की निंदा नहीं कर सकता है क्योंकि ‘जब भारत को कश्मीर में जुल्म और सितम पर कोई अफसोस नहीं है तो वह भी निंदा नहीं कर सकते’।
भारत ने उड़ी हमले के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया है। इस हमले में भारत के 19 सैनिक शहीद हुए थे।
शरीफ ने कहा कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में कश्मीरियों की हो रही हत्या पर वशिंगटन और लंदन समेत पूरी दुनिया आंखें मूंदे हुए है।
पाकिस्तान ने उड़ी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को सिरे से खारिज कर दिया।
पाकिस्तान ने घटना की जांच में पूरा सहयोग देने का प्रस्ताव दिया, क्योंकि उसका मानना है कि ‘हमला या तो पाकिस्तान को बदनाम करने और कश्मीर मुद्दा से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए भारत का झूठा हथकंडा है या फिर भारत सरकार के आतंकवाद की सबसे खराब तरह की ज्यादतियों के शिकार कश्मीरियों ने जवाबी हमले किए।’
एक अन्य सूत्र ने कहा कि कश्मीर पर इतने स्पष्ट रुख के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से उड़ी हमले और सैनिकों की हत्या की निंदा की उम्मीद करना वास्तव में अनुचित और तर्कहीन है।