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अल-जज़ीरा ने वेस्ट बैंक में अपनी पत्रकार की हत्या के लिए इज़रायल को ज़िम्मेदार ठहराया

May 12, 2022 11:22 am by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on अल-जज़ीरा ने वेस्ट बैंक में अपनी पत्रकार की हत्या के लिए इज़रायल को ज़िम्मेदार ठहराया A+ / A-

यरुशलम- समाचार चैनल अल-जज़ीरा ने वेस्ट बैंक में अपनी पत्रकार की हत्या का आरोप इज़रायल पर लगाया है, जबकि इज़रायली सेना का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है.

उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन कस्बे में इज़रायली सेना की कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में अल-जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की मौत हो गई. 51 वर्षीय पत्रकार जेनिन शरणार्थी शिविर पर एक इजरायली सेना की छापेमारी की रिपोर्टिंग के लिए मौके पर मौजूद थीं. इस घटना में एक अन्य फलस्तीनी पत्रकार अली अल-समौदी घायल हो गए हैं.

मशहूर फलस्तीनी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह अरबी भाषी चैनल अल-जज़ीरा की एक जानी-मानी रिपोर्टर थीं. घटना के एक वीडियो में अबू अकलेह नीले रंग की ‘फ्लैक’ जैकेट पहने नजर आ रही हैं, जिस पर स्पष्ट रूप से ‘प्रेस’ लिखा हुआ है.

कतर के प्रसारक ने अपने चैनल पर जारी किए गए एक बयान में कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हैं कि वह हमारी सहयोगी शिरीन अबू अकलेह को जान-बूझकर निशाना बनाने और उनकी जान लेने के लिए इज़रायली बलों की निंदा करें और उनकी जवाबदेही तय करें.’

वहीं, इज़रायल की सेना ने कहा कि वह घटना की जांच कर रही है और हो सकता है कि पत्रकार फलस्तीनी गोलीबारी की चपेट में आ गई हों.

इजरायल के विदेश मंत्री याइर लापिड ने कहा कि उन्होंने फलस्तीनी प्राधिकरण को रिपोर्टर की मौत की संयुक्त जांच का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘पत्रकारों को संघर्ष वाले क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. सच्चाई का पता लगाना हम सभी की जिम्मेदारी है.’

हालांकि एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि आतंकवाद और इजरायलियों की हत्या को रोकने के लिए जहां भी आवश्यक होगा, इजरायल के सुरक्षा बल काम करना जारी रखेंगे.

फलस्तीनी प्राधिकरण ने हमले की निंदा की और कहा कि यह इजरायली बल द्वारा किया गया एक ‘चौंकाने वाला अपराध’ है.

फलस्तीनी प्राधिकरण, कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर शासन करता है और सुरक्षा मामलों पर इजरायल का सहायोग भी करता है.

यरुशलम में जन्मी अबू अकलेह 51 वर्ष की थीं. उन्होंने 1997 में अल-जज़ीरा के लिए काम शुरू किया था और नियमित रूप से फलस्तीनी क्षेत्रों से रिपोर्टिंग कर रही थीं.

फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शिरीन अबू अकलेह के चेहरे पर गोली लगी थी और उसके तुरंत बाद ही उनकी मौत हो गई. यरुशलम के अल-कुद्स समाचार पत्र के लिए काम करने वाले एक अन्य फलस्तीनी पत्रकार अली अल-समौदी भी गोलीबारी में घायल हो गए, लेकिन उनकी हालत अब स्थिर है.

अल-ज़जीरा के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा है कि यह संभावना है कि फलिस्तीनी गोलाबारी में अल जज़ीरा रिपोर्टर की मौत हो गई.

बेनेट ने एक बयान में कहा, ‘हमने जो जानकारी इकट्ठी की है, उसके अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि सशस्त्र फलस्तीनी – जो उस समय अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे – पत्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के लिए जिम्मेदार थे.’

एक अन्य फलस्तीनी पत्रकार अली अल-समौदी, जो अल जज़ीरा के पत्रकार हैं, जिसे अबू अकलेह के बगल में इजरायली सेना ने गोली मार दी थी, लेकिन अब उनकी स्थिति स्थिर है, ने कहा कि घटनास्थल पर फलस्तीनी सशस्त्र लड़ाके मौजूद नहीं थे.

उन्होंने कहा, ‘हम इजरायली सेना के हमले का वीडियो शूट कर रहे थे, अचानक उन्होंने हमें वीडियो शूट छोड़ने या बंद करने के लिए कहे बिना गोली मार दी.’

उन्होंने कहा, ‘पहली गोली मुझे लगी और दूसरी गोली शिरीन को लगी. उन्होंने उसे मार डाला, क्योंकि वे हत्यारे हैं और वे केवल फलस्तीनी लोगों को मारने में माहिर हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मौके पर कोई फलस्तीनी सैनिक नहीं था.’

ह्यूमन राइट्स वॉच के इजरायल और फलस्तीन के निदेशक उमर शाकिर ने कहा कि शिरीन अबू अकलेह की इजरायली सेना द्वारा मौत असामान्य नहीं है.

उन्होंने अल जज़ीरा को बताया, ‘हम जानते हैं कि इजरायली बलों ने व्यवस्थित रूप से अत्यधिक बल का प्रयोग किया है.’

उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसी घटना है जिसे इस प्रणालीगत प्रथा और कई अन्य फलस्तीनी पत्रकारों की हत्याओं के संदर्भ में समझने की आवश्यकता है.’

उन्होंने कहा, ‘जब अपराधों की खबरें आती हैं, तो इजरायली सेना नियमित रूप से कहती है कि वे जांच करेंगे. वास्तविकता यह है कि जब इजरायली अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की बात आती है तो इस तरह की अपराधों के लिए कोई जवाबदेही नहीं होती है.’

इसी बीच, मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉर वेन्सलैंड ने वेस्ट बैंक में शिरीन अबू अकलेह की हत्या की निंदा की है.

वेन्सलैंड ने ट्वीट किया, ‘मैं अल जज़ीरा की रिपोर्टर शिरीन अबू अकलेह की हत्या की कड़ी निंदा करता हूं, जिसे आज सुबह वेस्ट बैंक के कब्जे वाले जेनिन में इजरायली सुरक्षा बलों के ऑपरेशन को कवर करते हुए गोली मार दी गई.’

उन्होंने कहा, ‘मैं तत्काल गहन जांच और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान करता हूं. मीडियाकर्मियों को कभी भी निशाना नहीं बनाना चाहिए.’

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) के सचिव एंथनी बेलांगर ने कहा कि शिरीन अबू अकलेह की हत्या ‘एक पत्रकार को जान-बूझकर निशाना बनाया जाना’ है.

उन्होंने कहा, ‘अगर हम यूक्रेन के पत्रकारों के रूस द्वारा निशाना बनाए जाने के लिए न्याय की मांग करते हैं, तो हमें फलस्तीनी पत्रकारों के इजरायल द्वारा निशाना बनाने और हत्याओं को समाप्त करने और न्याय की मांग करनी चाहिए.’

एंथनी बेलांगर ने कहा, ‘इस भयानक हत्या का पूरा विवरण अभी भी सामने आ रहा है. जब उन्हें मार दिया गया तो उस समय उनके साथ रहे पत्रकारों की गवाही, एक पत्रकार को जानबूझकर और व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाए जाने की ओर इशारा करती है. एक बार फिर भी स्पष्ट तौर पर पहचाने जाने वाले प्रेस टैग लगा जैकेट पहने पत्रकार को इजरायली सैनिकों द्वारा लक्षित किया गया है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘वे प्रदर्शनकारियों के साथ नहीं थे, वे कोई खतरा नहीं थे. उन्हें जेनिन में इजरायल की कार्रवाई के बारे में गवाही देने और सच्चाई बताने से रोकने के लिए निशाना बनाया गया है.’

इज़रायल में संयुक्त राज्य अमेरिका के दूत टॉम नाइड्स ने अमेरिकी नागरिकता रखने वाली शिरीन अबू अकलेह की हत्या की जांच की मांग की है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘अमेरिकी और फलस्तीनी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की मौत के बारे में जानकर बहुत दुख लगा. मैं उनकी मृत्यु की परिस्थितियों और जेनिन में आज कम से कम एक अन्य पत्रकार की चोट की गहन जांच की मांग करता हूं.’

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