गुवाहाटी, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। असम के बोडो बाहुल्य चार जिलों में शासन करने वाली, एक नई बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के चुनाव के लिए मतदान बुधवार को होंगे।
बीटीसी कोकराझार, बक्सा, चिरांग और उडलगुड़ी जिलों में शासन करती है, जो असम के तीस लाख बोडो जनअदिवासियों का गढ़ है।
सुरक्षाबलों ने मतदान प्रक्रिया सुचारु तरीके से सुनिश्चित करने के लिए योजना का खाका तैयार कर लिया है।
40 सीटों के लिए यह मतदान किया जाएगा। असम के राज्यपाल ने बाद में इस क्षेत्र के गैरप्रतिनिधित्व समुदायों से छह सदस्यों को नामांकित किया।
इन 40 निर्वाचन क्षेत्रों से कुल 333 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं, जबकि 2010 में 149 उम्मीदवार थे। लेकिन इन उम्मीदवारों में सिर्फ नौ महिलाएं ही अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
बोडोलैंड चुनाव असम में राजनीतिक पार्टियों की स्वीकार्यता के लिए अहम है। विशेष रूप से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह काफी महत्वपूर्ण हैं।
नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) द्वारा चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के प्रयासों की वजह से नियमित आधार पर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की जा रही है।
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की पर्याप्त तैनाती की गई है।”
चुनाव अधिकारियों के मुताबिक, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने इस बार चुनाव मैदान में अपने 40 उम्मीदवारों को उतारा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और असम में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने भी इन निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
इत्र व्यापारी बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व में ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने आठ उम्मीदवार उतारे हैं।
बीटीएडी में शामिल विभिन्न समुदायों वाले संगठन पीपुल्स कन्फेडरेशन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (पीसीडीआर) इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में स्वतंत्र उम्मीदवारों को समर्थन दे रही है।
इसके अलावा, असम गण परिषद के छह उम्मीदवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सात और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने एक उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जबकि इस बार 151 निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।