लंदन, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक ब्रिटिश चिकित्सक ने अपने दोस्त और मरीज की अच्छी देखभाल करने पर अस्पताल के स्टाफ का शुक्रिया अदा करने के लिए अफ्रीका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी किलिमंजाड़ो तक का सफर कर लिया। इस सफर का मकसद अस्पताल के लिए कोष इकट्ठा करना भी था।
लंदन, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक ब्रिटिश चिकित्सक ने अपने दोस्त और मरीज की अच्छी देखभाल करने पर अस्पताल के स्टाफ का शुक्रिया अदा करने के लिए अफ्रीका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी किलिमंजाड़ो तक का सफर कर लिया। इस सफर का मकसद अस्पताल के लिए कोष इकट्ठा करना भी था।
द सेंटीनेल की गुरुवार की रपट के मुताबिक चिकित्सक का नाम एश पटेल है। वह लंकाशायर के लांगटन चिकित्सा केंद्र पर काम करते हैं। उनके 54 साल के दोस्त महेश पटेल को तबियत खराब होने के बाद रायल स्टोक युनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सितंबर में महेश ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
एश ने कहा, “मैं महेश को 30 साल से जानता था। वह दोस्त भी था और मरीज भी। अस्पताल ने बहुत अच्छे तरीके से काम किया, उसकी अच्छी देखभाल की।”
एश ने कहा कि किलिमंजाड़ो पर चढ़ाई उनके जीवन की सबसे बड़ी चुनौती थी। 12 से 22 सितंबर तक का यह अभियान चुनौतीपूर्ण जरूर था लेकिन ऐसा था कि जिसका मोल नहीं लगाया जा सकता।
उन्होंने कहा, “यह 6000 मीटर की चढ़ाई थी। शायद मेरे द्वारा स्वीकार की गई सबसे बड़ी चुनौती। लेकिन, मुझे लगता है कि अस्पताल के लिए धन जमा करने की सोच ने मुझे वहां तक पहुंचा दिया।”
एश ने बताया, “अफसोस की बात है कि मेरे वापस आने से एक दिन पहले ही महेश की मौत हो गई।”
एश ने अस्पताल के लिए 1001 पाउंड जमा किया है। यह अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) पर खर्च किए जाएंगे।