Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 आधार वैध, मगर अनिवार्य नहीं सर्वोच्च न्यायालय (राउंडअप) | dharmpath.com

Wednesday , 7 May 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » आधार वैध, मगर अनिवार्य नहीं सर्वोच्च न्यायालय (राउंडअप)

आधार वैध, मगर अनिवार्य नहीं सर्वोच्च न्यायालय (राउंडअप)

नई दिल्ली, 26 सितम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसले में आधार को वैध ठहराया, लेकिन उसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी।

न्यायालय ने सरकारी वित्त पोषित सामाजिक लाभ योजनाओं, पैन और आयकर रिटर्न में आधार की वैधता को बरकरार रखा, जबकि बैंक खातों, मोबाइल कनेक्शन, स्कूल दाखिले और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में इसकी जरूरत को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने यह फैसला 4:1 के बहुमत के आधार पर सुनाया।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार स्वैच्छिक होगा, न कि अनिवार्य।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायूर्ति ए.एम. खानविलकर की तरफ से न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी ने बहुमत के फैसले को पढ़ा और आधार अधिनियम की कुछ धाराओं को निरस्त कर दिया और विभिन्न प्रावधानों को स्पष्ट किया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने एक अलग, लेकिन समान फैसला सुनाया।

एक अलग फैसले में न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि 2009 से पूरा आधार कार्यक्रम ही संवैधानिक कमजोरी से जूझ रहा है और मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है। आधार अधिनियम का क्रियान्वयन आधार परियोजना को बचाने में अक्षम है।

उन्होंने कहा, “आधार अधिनियम, इसके तहत तैयार नियम व अधिनियम और अधिनियम की व्यवस्था से पहले की रूपरेखा असंवैधानिक है। अगर केंद्र सरकार द्वारा इस फैसले में शामिल किए गए सिद्धांतों के साथ अनुरूपता वाला कोई नया कानून नहीं लागू किया जाता है तो (आधार के लिए जुटाया गया) डेटा को नष्ट किया जाना चाहिए।”

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार कानून को धन विधेयक के तौर पर पारित करना असंवैधानिक है, क्योंकि यह कोई धन विधेयक नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि आधार योजना के तहत जुटाए गए डेटा के बल पर लोगों की निगरानी का एक जोखिम भी है और इस डेटा का दुरुपयोग भी किया जा सकता है।

अदालत ने आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द कर दिया, जो निजी कंपनियों को अपनी सेवाओं तक पहुंच के लिए लोगों से उनके आधार नंबर की मांग करने की इजाजत देती थी।

अदालत ने यह भी कहा कि ‘आज तक हमने आधार अधिनियम में ऐसा कुछ नहीं पाया है जो किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार का उल्लंघन करता हो।’

पीठ की ओर से न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी ने फैसला पढ़ते हुए आधार कानून के उस प्रावधान को भी रद्द कर दिया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से आधार डेटा साझा करने की इजाजत देता था।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति सीकरी के बहुमत के फैसले ने धन विधेयक के प्रावधानों को मंजूरी दे दी।

फैसले में कहा गया, “हमारा यह मानना है कि आधार योजना के तहत जुटाए गए डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं।”

अदालत ने कहा, “मोबाइल कनेक्शन जारी करने और बैंक खाता खोलने के लिए आधार को लिंक करना असंवैधानिक है।”

पीठ में न्यायाधीशों के बहुमत ने कहा कि आधार को आयकर रिटर्न के साथ जोड़ना वैध है।

फैसले में कहा गया कि ‘सर्वश्रेष्ठ से विश्ष्टि होना बेहतर है, क्योंकि सर्वश्रेष्ठ आपको नबंर एक बनाता है, लेकिन विश्ष्टि होना आपको केवल एक बनाता है।’

पीठ ने कहा, “विशिष्टता, आधार और अन्य पहचान सबूतों के बीच का एक मौलिक अंतर है। आधार और अन्य पहचान सबूतों के बीच एक मौलिक अंतर है, क्योंकि आधार की नकल नहीं की जा सकती और यह एक विशिष्ट पहचान है।”

उन्होंने कहा, “आधार नामांकन के लिए यूआईडीएआई द्वारा नागिरकों का न्यूनतम जनसांख्यिकीय और बॉयोमीट्रिक डेटा जुटाया गया है। हमारा मानना है कि आधार योजना के तहत जुटाए गए डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं।”

अदालत ने कहा कि आधार का मतलब वंचित तबके को गौरव देना है। लेकिन, आधार के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा को छह महीने से ज्यादा नहीं रखा जा सकता है।

अदालत ने कहा, “आधार के माध्यम से सत्यापन में विफल रहने पर किसी भी व्यक्ति को सामाजिक कल्याण योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने कहा, “हम सरकार को निर्देश देते हैं कि वह सुनिश्चित करे कि समाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ पाने के लिए किसी अवैध आव्रजक को आधार जारी न हो।”

अदालत ने कहा कि सीबीएसई और यूजीसी जैसे शिक्षा संस्थान आधार को अनिवार्य नहीं बना सकते।

अदालत ने कहा, “स्कूल शिक्षा के लिए आधार जरूरी नहीं रहेगा, क्योंकि न तो यह कल्याण है और न ही सब्सिडी।” अदालत ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान को आधार की जरूरत नहीं है।

आधार वैध, मगर अनिवार्य नहीं सर्वोच्च न्यायालय (राउंडअप) Reviewed by on . नई दिल्ली, 26 सितम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसले में आधार को वैध ठहराया, लेकिन उसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी। न्यायालय ने सरकारी नई दिल्ली, 26 सितम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसले में आधार को वैध ठहराया, लेकिन उसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी। न्यायालय ने सरकारी Rating:
scroll to top