नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। आईडीएस यानी आय घोषणा योजना में कुल 65,250 करोड़ रुपये का खुलासा किया गया है और कुल 64,275 लोगों ने अपनी आय घोषित की है। हालांकि इनकी गणना पूरी होने के बाद इन आंकड़ों में थोड़ी वृद्धि हो सकती है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह घोषणा की। सरकार को इस रकम में से जुर्माने और कर के रूप में 30,000 करोड़ रुपये से थोड़ी कम की आय होगी। हालांकि पिछली बार 1997 में जो योजना लागू की गई थी, उसके हिसाब से केवल 9,760 रुपये ही कर के रूप में सरकार को मिलते।
वित्तमंत्री ने कहा कि यह योजना एक जून से 30 सितंबर की आधी रात तक चलाई गई। कर अधिकारी फिलहाल सभी ब्योरों का सारिणीकरण कर रहे हैं। इसके बाद इन आंकड़ों में अभी और वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, “कह सकते हैं कि औसतन हर व्यक्ति ने एक करोड़ रुपये का खुलासा किया। हालांकि कुछ का ज्यादा है तो कुछ का कम है।” लेकिन जिन लोगों ने यह खुलासा किया है, उनके नामों का खुलासा करने से उन्होंने इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, “हम कर घोषणा करनेवालों के बारे में कोई जानकारी नहीं देंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा, “मैं उन सभी को बधाई देता हूं, जिन्होंने आय घोषणा योजना 2016 के तहत अपनी अघोषित आय का खुलासा किया। यह पारदर्शिता और अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा में एक बड़ा योगदान है।”
उन्होंने जेटली और उनकी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने ‘जबरदस्त काम’ किया है। मोदी ने कहा, “केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की अध्यक्ष रानी नायर और उनकी टीम ने आईडीएस-2016 से संबंधित सभी पहलुओं पर काफी मेहनत की है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।”
वित्तमंत्री ने कहा कि इस नवीनतम योजना को सरकार द्वारा अघोषित धन को निकलवाने के लिए बनाई गई ढेर सारी योजनाओं में से एक के रूप में देखा जाना चाहिए और यह अधिक से अधिक लोगों को कर दायरे में लाने के लिए किया जाता है।
इस संबंध में उन्होंने इस तरह के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल के गठन का उल्लेख किया और कहा कि बेनामी अधिनियम में सुधार किया गया है कि ताकि इस तरह की संपत्ति और विदेशों में जमा धन की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बेनकाब किए जाने पर उसका कब्जा लिया जा सके।
वित्तमंत्री ने कहा, “इतनी बड़ी संख्या में लोग आठ अंकों के आंकड़ों में आय का खुलासा करने के लिए आगे आए। इसका मतलब है कि उन्होंने महसूस किया है कि कर अनुपालन से उन्हें लाभ होगा।”
जेटली ने कहा, “अन्य योजनाओं से प्राप्त राशि, और विदेशों में जमा काला धन योजना से प्राप्त राशि इस (घोषणा योजना) से प्राप्त राशि से कहीं अधिक और ऊपर है। लेकिन यह अधिक से अधिक लोगों को कर के दायरे में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे मैं एक सकारात्मक घटना के रूप में देखता हूं।”
उन्होंने कई बार पहले भी यह स्पष्ट किया है कि नवीनतम योजना कोई आम माफी नहीं है।
उन्होंने कहा, “यह कोई माफी योजना नहीं है। इसमें कर भी चुकाना है और जुर्माना भी चुकाना है।” इस योजना के तहत आय घोषित करनेवालों को 30 प्रतिशत कर, 7.5 प्रतिशत जुर्माना और 7.5 प्रतिशत का एक अधिभार चुकाना होगा।
उन्होंने कहा, “1997 की योजना में 9,760 करोड़ की कर वसूली हुई थी। उस वक्त औसतन हरेक व्यक्ति ने 97 लाख रुपये की घोषणा की थी। लेकिन अब कराधान की दर 45 फीसदी है, लेकिन 1997 में इसकी दर केवल एक अंक में थी। इसलिए दोनों ही योजनाएं बिल्कुल अलग हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कर अधिकारियों द्वारा किसी को तंग नहीं किया जाएगा।