हैदराबाद, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक रविवार को यहां शुरू हुई, जिसमें केरल में राजनीतिक हत्याओं और पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु में हिंदुओं पर हमलों पर चर्चा हो रही है।
हैदराबाद, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक रविवार को यहां शुरू हुई, जिसमें केरल में राजनीतिक हत्याओं और पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु में हिंदुओं पर हमलों पर चर्चा हो रही है।
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (एबीकेएम) केरल में अपने कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर सोमवार को एक प्रस्ताव पारित करेगा।
आरएसएस के प्रवक्ता वी. भागैया ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा और देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के बावजूद केरल में जारी राजनीतिक हत्याओं की निंदा की जाएगी।
आरएसएस के सह सरकार्यवाह, भागैया ने कहा, “असहिष्णु कम्युनिस्ट अत्यंत जघन्य तरीके से आरएसएस कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं और उन्हें डराने के लिए उनकी संपत्तियों को भी नष्ट कर रहे हैं। राज्य में एक अति अमानवीय, असहिष्णु और असंवैधानिक मुहिम चल रही है।”
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हैदराबाद के बाहरी हिस्से में स्थित अन्नोजीगुडा में बैठक का उद्घाटन किया।
सरकार्यवाह भैयाजी जोशी बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसमें संघ की 42 राज्य शाखाओं से 400 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
भागैया ने कहा कि बैठक में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा और तमिलनाडु में चरमपंथी इस्लामी ताकतों द्वारा हिंदुओं और संघ पदाधिकारियों पर बढ़े हमलों पर चर्चा चल रही है।
आरएसएस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हमले उन जिलों में हो रहे हैं, जो बांग्लादेश की सीमा से लगे हैं।
भागैया ने आरोप लगाया कि एक मुस्लिम ने 17 साल की एक दलित लड़की के साथ दुष्कर्म किया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया।
भागैया ने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों को तुष्ट करने के लिए दुर्गा पूजा को भी राज्य सरकार ने निशाना बनाया।
बैठक में जाति एवं मजहब के आधार पर ढाए जा रहे जुल्मों, पर्यावरण क्षरण, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और ग्लोबल वार्मिग पर भी प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
आरएसएस के मीडिया प्रभारी मनमोहन वैद्य ने कहा कि सामाजिक सौहाद्र्र पहल के तहत आरएसएस गाय आधारित खेती, कुटुंब प्रबोधन और समाज में समरसता के जरिए ग्राम विकास पर जोर दे रहा है।