लखनऊ, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 11 साल से न्याय की आस में भटक रही दुष्कर्म पीड़िता के गुनहगार को आखिरकार न्यायालय ने भी दोषी मान लिया। आशियाना दुष्कर्म कांड के आरोपी गौरव शुक्ला को विशेष न्यायालय ने बुधवार को दोषी करार दिया है और अब 16 अप्रैल को उसे सजा सुनाई जाएगी।
मामला दो मई, 2005 का है। यह घटना 11 साल से कानूनी दांव-पेंच में फंसी हुई थी। इसके मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला ने सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी, जिसे मंगलवार को खारिज कर दिया गया था।
आरोपी ने उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसे सामूहिक दुष्कर्म के वक्त बालिग करार दिया गया था।
गौरतलब है कि आशियाना दुष्कर्म कांड में गौरव शुक्ला सहित छह आरोपी थे। इनमें से अमन बख्शी और भारतेंदु मिश्रा को 2007 में 10 साल की सजा हो चुकी है। दो आरोपी सौरभ जैन और आसिफ सिद्दीकी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। जनवरी 2013 में फैजान को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि दो मई, 2005 को 13 साल की पीड़िता घरों से झाड़ू-पोछा करके लौट रही थी। रात का वक्त था इसलिए उसका भाई भी उसके साथ था। आशियाना इलाके के नागेश्वर मंदिर के पास तीन लड़के कार से उतरे और उसे जबरदस्ती गाड़ी में बैठा लिया।
पीड़िता का भाई मदद के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। दरिंदे गाड़ी को पूरे शहर में घुमाकर उसके साथ दुराचार करते रहे। विरोध करने पर उसे सिगरेट से दागा भी गया। इसके बाद उसे सुनसान इलाके में फेंककर फरार हो गए।
इस मामले में पांच आरोपियों को सजा मिल चुकी है, लेकिन गौरव की उम्र को लेकर मामला लटका हुआ था। आरोपी गौरव शुक्ला की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल एसएलपी खारिज होने के बाद त्वरित अदालत ने बुधवार को उसे दोषी करार दे दिया।