Thursday , 16 May 2024

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इंदौर इन्वेस्टर्स मीट- किसान के बेटे की सोच-कितनी सफल होगी मप्र के हित में

summit-1_102912111944अनिल सिंह(भोपाल)- मप्र के मुख्यमंत्री किसान के बेटे हैं,खेती को लाभ का धंधा बनाने का नारा उन्होंने दिया.खेती जो भारत की जान है भारत सोने की चिड़िया कहलाता था वह भी खेती की दम पर सम्पूर्ण विश्व के लुटेरों की नजर हम पर लगी थी और उन्होंने लूटा भी जी भर कर.

सोने की चिड़िया के पंख नोच लिए गए लेकिन यह घायल चिड़िया पुनः अपने पैरों पर खड़ी हो गयी है.शिवराज सिंह को समझ में आया की वे औद्योगिक क्रान्ति के जरिये मध्यप्रदेश को भारत के मानचित्र पर खड़ा कर देंगे और वे कोशिश भी कर रहे  है लेकिन क्या ये उनके प्रयास इमानदार प्रयास हैं या फिर सिर्फ अपनी वाह-वाही लूटने का साधन.

रिलांयंस जैसे कंपनी जिसकी बुनियाद ही फर्जीवाड़े पर खड़ी हुई है आज के भौतिक युग में व्यापारियों की ही पूछ -परख है क्या करते हैं ये व्यापारी यह सभी जानते हैं अपने व्यवसाय को आगे बढाने और मुनाफा कमाने के लिए ये कुछ भी करने को तैयार है अब वही गन्दगी मध्यप्रदेश में पसारने की पुर जोर कोशिश हो रही है.

अभी तक हुई मीट किसी भी तरह से फायदेमंद सिद्ध नहीं  हुई हैं ये पूंजीपति पहले भी आये हैं और नाश्ता कर चले गए हैं अब फिर आ रहे हैं हमारी शुभकामनाएं हैं मप्र की जनता के लिए की हर बार की तरह इस बार भी न हो इससे बचें.

मीडिया का महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन इस कार्यक्रम में चुन चुन कर मीडिया को आमंत्रित किया गया है इसकी बानगी असंतोष कल शाम मुख्यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस में सामने आ ही गया और शिवराज सिंह असंतुलित हो गए क्योंकि यह घटनाक्रम उन्हें अपेक्षित नहीं था और सच्चाई वे बयान कर गए की जनसंपर्क आयुक्त से बात कर लें.आज शाम इंदौर की मीडिया की एक अहम् बैठक समस्याओं को लेकर है.मुख्यमंत्री यह भी कह गए की आप लोग इस कार्यक्रम में व्यवधान न उत्पन्न करें.

आज के सब महत्वपूर्ण अखबार रेंज हुए है इस आयोजन की प्रशंसा से जो सच्चाई लिखते भी थे वे भी अपना ही लिखा भूल कर जय घोष में लगे हुए हैं लेकिन किसान के वेश से कॉर्पोरेट का वेश धारण करते ये मुख्यमंत्री क्या अपने दिल पर हाथ रख कह सकेंगे की ये आयोजन मप्र की जनता के हित में कितना होगा.हमारे देश को धोती कुरता वालों ने सहेजा है और कोट-पेंट-टाई वालों ने लूटा है क्या वही लूट की परंपरा देसी लूटेरों को विदेशी लिबास पहना कर हम नहीं आमंत्रित कर रहे हैं.

नानाजी देशमुख ने कहा था की कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दो,पर्यावरण संतुलन भी बना रहेगा ये बड़ी इंडस्ट्री वाले अपना फायदा उठा कर उसे बंद कर देते है.रिलायंस के पेट्रोल पम्प इसका उदाहरण है.रिलायंस के 400 रुपये वाले मोबाइल आज भी लोग नहीं भूले हैं.

इस कार्यक्रम को लेकर जो मीडिया वहां पहुंची है वे सभी वही लिख रहे हैं जो उन्हें लिखने को कहा गया है किसी की भी रिपोर्ट तथ्यपरक नहीं है क्या यह लोकतंत्र के हित में है एक विचारवादी राजनैतिक पार्टी का मुखिया क्या यही सब करने लगेगा.यह राज्य,समाज और राष्ट्रहित में नहीं है.इसका भयानक विस्फोट आगे समाज को ही भुगतना होगा.क्या कोट-पेंट पहन कर वेश-भूसा बना लेने से अच्छा कार्य करने की गारंटी हो जाती है,समाज हित आवश्यक है या स्व-हित यह चर्चा का विषय है.

मालवा क्षेत्र वैसे ही भूजल ,पर्यावरण के क्षेत्र में पीछे है.बिजली की स्थिति भी मप्र में खराब है ऐसे में इतना बड़ा आयोजन क्या सही है.

मुद्दे की बात यह है जो पहले भी थी की यदि मप्र में सभी स्थितियां अनुकूल हैं उद्योग धंधों के लिए तो मात्र एक पोस्टकार्ड भेजने पर उद्योगपति दौड़े चले आते और अपना कार्य शुरू कर देते.मप्र में जितने उद्योग क्षेत्र है वे बीमार पड़े हैं ,स्थापित कारखानों में से अधिकांश बंद पड़े हैं ऐसे में नए उद्योग-धंधे कितने प्रतिशत सफल होंगे यह संदेह है .मप्र जी जनता के हित में मेरा आंकलन गलत हो जाय यह मेरी कामना है लेकिन अभी वस्तुस्थिति यही बयान कर रही है.

मप्र की उद्योगमंत्री भी जमीन से जुडी नहीं है मीडिया से विरोध की उनकी ख़बरें गाहे-बगाहे आती ही रहती है इस तरह की टीम लेकर शिवराज क्या कर सकेंगे यह देखना होगा.

हमारी शुभकामनाएं

इंदौर इन्वेस्टर्स मीट- किसान के बेटे की सोच-कितनी सफल होगी मप्र के हित में Reviewed by on . अनिल सिंह(भोपाल)- मप्र के मुख्यमंत्री किसान के बेटे हैं,खेती को लाभ का धंधा बनाने का नारा उन्होंने दिया.खेती जो भारत की जान है भारत सोने की चिड़िया कहलाता था वह अनिल सिंह(भोपाल)- मप्र के मुख्यमंत्री किसान के बेटे हैं,खेती को लाभ का धंधा बनाने का नारा उन्होंने दिया.खेती जो भारत की जान है भारत सोने की चिड़िया कहलाता था वह Rating:
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