रोम, 21 जनवरी (आईएएनएस)। इटली के विदेश मंत्री पाओलो जेंटिलोनी ने कहा कि उनकी सरकार को उम्मीद है कि भारत में दो मछुआरों की हत्या के मामले का सामना कर रहे दो इतालवी नौसैनिक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के दौरान इटली में रह सकेंगे।
रोम, 21 जनवरी (आईएएनएस)। इटली के विदेश मंत्री पाओलो जेंटिलोनी ने कहा कि उनकी सरकार को उम्मीद है कि भारत में दो मछुआरों की हत्या के मामले का सामना कर रहे दो इतालवी नौसैनिक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के दौरान इटली में रह सकेंगे।
जेंटिलोनी ने बुधवार को कहा, “मध्यस्थता में जितना समय लगना है, उतना लगता है। हमें उम्मीद है कि इस दौरान, दोनों नौसैनिक इटली में रह सकेंगे। हमारी प्रार्थना है कि मध्यस्थता अवधि के दौरान नौसैनिक इटली में ही रहें।”
जेंटिलोनी ने यह बात उस वक्त कही है जब हेग स्थित न्यायालय ने कहा कि नौसैनिक मास्सिमिलिआनो लातोरे और सल्वातोर गिरोन के मामले में मध्यस्थता का फैसला अगस्त 2018 से पहले नहीं आ सकेगा।
हेग न्यायालय ने कहा है कि इटली को अपना पक्ष लिखित में इस साल 16 सितंबर तक जमा करना होगा। भारत को 31 मार्च 2017 तक बयान दर्ज कराना होगा।
जेंटिलोनी ने कहा कि गिरोन को मध्यस्थता का फैसला आने तक भारत से इटली भेजने के अनुरोध पर हेग न्यायालय मार्च में सुनवाई करेगा।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बीते साल अगस्त में लातोरे को दिल का दौरा पड़ने के बाद इलाज के लिए इटली लौटने की इजाजत दी थी।
गिरोन को भारत छोड़ने की इजाजत नहीं दी गई है। वह दिल्ली में इटली के दूतावास में रह रहा है।
यह मामला फरवरी 2012 का है। लातोरे और गिरोन ने इटली के टैंकर की रक्षा के दौरान केरल के पास समुद्र में दो निहत्थे भारतीय मछुआरों की गोली मारकर जान ले ली थी। इस घटना से भारत और इटली के संबंधों में तनाव पैदा हो गया।
इटली को डर था कि मुकदमा चलने पर भारत में उसके दोनों नौसैनिकों को मौत की सजा दी जा सकती है। बीते साल मामले को वह अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में ले गया।
अगस्त में हैंबर्ग स्थित इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फार द लॉ आफ सी ने कहा कि भारत को इस मामले में न्यायाधिकार नहीं प्राप्त है। उसने मामले को हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया।
भारत दोनों नौसैनिकों पर हत्या का मुकदमा चलाना चाहता है। इटली का कहना है कि घटना अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक सीमा में समुद्री डकैती विरोधी अभियान में हुई है। भारत को इस मामले में न्यायाधिकार नहीं प्राप्त है।