वाशिंगटन, 19 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि हिंसा और आतंकवाद के लिए धर्म नहीं, बल्कि कुछ लोग जिम्मेदार हैं। इसके साथ ही उन्होंने इराक और सीरिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई को धर्म के खिलाफ लड़ाई कहने से इंकार किया।
वाशिंगटन, 19 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि हिंसा और आतंकवाद के लिए धर्म नहीं, बल्कि कुछ लोग जिम्मेदार हैं। इसके साथ ही उन्होंने इराक और सीरिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई को धर्म के खिलाफ लड़ाई कहने से इंकार किया।
व्हाइट हाउस में हिंसक चरमपंथ से संबंधित सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार को अपने संबोधन में ओबामा ने कहा, “हमारी लड़ाई इस्लाम के खिलाफ नहीं है, हमारी लड़ाई इस्लाम को विकृत करने वालों के खिलाफ है।”
इस सम्मलेन में 60 देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। ओबामा ने कहा, “आतंकवादी मुसलमानों की करीब एक अरब संख्या का प्रतिनिधित्व नहीं करते। बल्कि ये एक अरब मुसलमान ऐसे घृणित विचारों का विरोध करते हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा, “ऐसे लोग इस्लाम का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि वे पागल होते हैं, जो ईश्वर के नाम पर निर्दोषों की हत्या करते हैं, चाहे वे ईसाई, यहूदी, बौद्ध या हिन्दू किसी धर्म का नाम लें।”
उन्होंने कहा, “कोई भी धर्म आतंकवाद के लिए जिम्मेदार नहीं होता। हिंसा और आतंकवाद के लिए कुछ खास लोग जिम्मेदार होते हैं।”
मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा हमला किए जाने की बात स्वीकारते हुए ओबामा ने कहा कि अन्य चरमपंथी हमले इस्लाम के नाम पर नहीं होते हैं। इनमें 2012 में विस्कॉन्सिन स्थित गुरुद्वारे और पिछले साल यहूदियों के सामुदायिक केंद्र पर हुआ हमला भी शामिल है, जो श्वेत नागरिकों ने किए थे।
ओबामा ने कहा, “मिलवॉकी में गुरुद्वारे पर हुआ हिंसक हमला हो या कन्सास शहर के बाहर यहूदी समुदायिक केंद्र पर हुआ हमला, हम एक बार फिर बहुरूपी समाज और स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं और किसी पर भी उसकी नस्ल, रहन-सहन या पूजापद्धति के कारण होने वाले हमलों को खारिज करते हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा, “हाल के समय में चैपल हिल में तीन अमेरिकी मुस्लिम युवकों की हत्या से कई अमेरिकी मुस्लिम चिंतत और डरे हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं जितना स्पष्ट हो सके कहना चाहता हूं, सभी धर्म और पृष्ठभूमि के अमेरिकी, हम आपके दुख में आपके साथ खड़े हैं और आपको प्यार और सहायता की पेशकश करते हैं।”
राष्ट्रपति ने पश्चिमी देश और इस्लाम के बीच मतभेद के विचार को नकारते हुए कहा कि गलत धारणा को बदलने की जिम्मेदारी मुसलमानों की भी उतनी ही है।