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ईयू-चीन विवाद में डब्ल्यूटीओ का चीन को समर्थन

चीन से होने वाले आयात पर ईयू द्वारा शुल्क लगाए जाने के बाद 2009 में चीन ने कहा था कि एंटी-डंपिंग संबंधी नियमों का सम्मान नहीं किया गया है।

डब्ल्यूटीओ ने 2010 और 2011 में दो बार ईयू की शुल्क नीति पर चीन के दावे के पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन चीन के मुताबिक ईयू की ओर से फैसले का समुचित पालन नहीं हुआ।

इस वजह से चीन ने फिर से डब्ल्यूटीओ में आवाज उठाई और एक अनुपालन समिति स्थापित करने की मांग की, जो यह तय करे कि उसके प्रारूप के तहत ईयू की नीति वैध है या नहीं।

डब्ल्यूटीओ ने अगस्त 2015 में यह फैसला दिया था कि ईयू की नीति वैध नहीं है, जिसके विरुद्ध ईयू ने अपील की थी, जिसमें 18 जनवरी को उसके विरुद्ध फैसला दिया गया।

डब्ल्यूटीओ के फैसले के बाद चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि ईयू की एंटी-डंपिंग कार्रवाई के कारण एक अरब डॉलर मूल्य का चीन का निर्यात तथा एक लाख से अधिक रोजगार प्रभावित हुआ है, जिसके कारण चीन के उद्योग को भारी क्षति पहुंची है।

मंत्रालय ने ईयू से आग्रह किया है कि वह ताजा फैसले का सम्मान करे अन्यथा चीन के पास वापस डब्ल्यूटीओ में अपील करने का अधिकार है।

चीन के दो उद्योग संघों -चाइना चैंबर ऑफ कॉमर्स फॉर इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट ऑफ मशीनरी एंड इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स और चाइना जनरल मशीन कंपोनेंट्स इंडस्ट्री एसोसिएशन- ने भी मंगलवार को ईयू से आग्रह किया कि वह डब्ल्यूटीओ के फैसले का पालन करे और चीन के इस्पात फास्टेनरों पर से एंटी-डंपिंग शुल्क हटाए।

दिसंबर 2016 में चीन की डब्ल्यूटीओ सदस्यता का 15 वर्ष पूरा हो जाएगा।

ईयू-चीन विवाद में डब्ल्यूटीओ का चीन को समर्थन Reviewed by on . चीन से होने वाले आयात पर ईयू द्वारा शुल्क लगाए जाने के बाद 2009 में चीन ने कहा था कि एंटी-डंपिंग संबंधी नियमों का सम्मान नहीं किया गया है।डब्ल्यूटीओ ने 2010 और चीन से होने वाले आयात पर ईयू द्वारा शुल्क लगाए जाने के बाद 2009 में चीन ने कहा था कि एंटी-डंपिंग संबंधी नियमों का सम्मान नहीं किया गया है।डब्ल्यूटीओ ने 2010 और Rating:
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