लखनऊ, 18 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर सप्ताह भर से चल रही अनिश्चितता शनिवार शाम समाप्त हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने घोषणा की कि गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है, और वह रविवार को शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री होंगे।
वेंकैया ने यहां नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पार्टी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया। वरिष्ठ नेता सुरेश खन्ना ने आदित्यनाथ का नाम प्रस्तावित किया, जिस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई।”
नायडू ने कहा, “विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा को उप-मुख्यमंत्री के लिए चुना गया।”
वहीं बैठक के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी के नवनिर्वाचित 312 विधायकों की बैठक में गोरखपुर से सांसद और गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए चुना गया है।
मौर्य ने कहा कि भाजपा विधायक दल की बैठक में दो उप-मुख्यमंत्रियों के चयन का फैसला भी लिया गया। उनमें से एक उप-मुख्यमंत्री मौर्य खुद चुने गए, जबकि लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा दूसरे उप-मुख्यमंत्री होंगे।
मौर्य ने कहा, “योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री होंगे। इस फैसले के लिए मैं आभारी हूं। दिनेश शर्मा को और मुझे उप-मुख्यमंत्री चुना गया है।”
मौर्य ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश की नई सरकार की प्राथमिकता जन-कल्याण है।”
भाजपा नेता सुरेश खन्ना ने बैठक में मुख्यमंत्री के लिए आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका केंद्रीय सूचना एवं प्रसार मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने समर्थन किया।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में माने जा रहे केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, “यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है।”
नाथपंथ के प्रसिद्ध मठ गोरक्षनाथ के महंत आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक हैं और लव जेहाद तथा धर्मातरण जैसे मुद्दों पर अपने बयानों के कारण हमेशा विवादों में रहे हैं।
आदित्यनाथ 26 वर्ष की अवस्था में 1998 में पहली बार गोरखपुर से सांसद चुने गए और देश के सबसे युवा सांसद बने। तब से वह लगातार गोरखपुर से सांसद हैं।
वहीं केशव प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार दो-दो उप-मुख्यमंत्री होंगे।
पार्टी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जातिगत भावनाओं का खयाल रखते हुए यह फैसला लिया गया और इसीलिए राजपूत बिरादरी से मुख्यमंत्री चुना गया, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग और ब्राह्मण वर्ग को खुश करने के लिए दो उप-मुख्यमंत्री बना जा रहे हैं।