लखनऊ , 21 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा की अध्यक्षता में गुरुवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि ‘नेशनल हेराल्ड’, ‘नवजीवन’ और ‘कौमी आवाज’ जैसे अखबारों का प्रकाशन फिर से शुरू किया जाएगा।
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि लखनऊ कार्यालय के कर्मचारियों को दिए गए मुआवजे के भुगतान और दिल्ली ब्रांच आफिस के कर्मचारियों के भुगतान में भेदभाव को दूर किया जाएगा।
इन तीनों अखबारों को बंद करते समय लखनऊ यूनिट को 15 दिन, जबकि दिल्ली यूनिट को 30 दिन का मुआवजा दिया गया था। इस भेदभाव को लेकर कर्मचारियों में रोष था। वे काफी समय से आंदोलनरत थे।
एजेएल कर्मचारी यूनियन के पूर्व महामंत्री दिलीप कुमार सिन्हा ने बताया, “प्रेस परिषद में हुई एजेएल की बैठक में आज 32 शेयर होल्डरों ने भाग लिया, जबकि शेयर होल्डरों की कुल संख्या 1026 है। शेयर होल्डरों ने अखबारों का प्रकाशन फिर शुरू करने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से अपनी मुहर लगा दी।”
सिन्हा के मुताबिक, अखबारों के फिर से प्रकाशन की घोषणा पर हेराल्ड कर्मियों ने खुशी जाहिर की और इसके लिए मोतीलाल वोरा को बधाई दी। वोरा से मिले आश्वासन के बाद यूनियन ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है और मांग की है कि चेयरमैन लखनऊ कार्यालय के कर्मचारियों को जल्द से जल्द बकाया मुआवजे का भुगतान करवा दें।
वोरा एजेएल के प्रबंध निदेशक भी हैं, उन्होंने गुरुवार को लखनऊ स्थित कैसरबाग के विश्वेरनाथ रोड स्थित कंपनी के मुख्य कार्यालय में कंपनी के सभी बोर्ड के सदस्यों की एक विशेष आमसभा भी बुलाई थी।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने धरनास्थल पर पहुंचकर हेराल्ड कर्मचारियों को संबोधित किया और सभी समस्याओं को शीघ्र निपटाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मीतालाल वोरा ने सभी समस्याओं का शांतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किए गए नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र समूह की 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति यंग इंडिया लिमिटेड के नाम किए जाने के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इस संपत्ति पर फिलहाल मालिकाना हक सोनिया और राहुल गांधी का है।
स्वामी ने मुकदमे में सोनिया व राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया है।
आरोप है कि इन सभी ने षड्यंत्र कर यंग इंडिया के नाम से एक कंपनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार की पब्लिशर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी को अपने कब्जे में कर लिया है। इस कारण करीब 90 करोड़ रुपये की संपत्ति का अधिकार यंग इडिया को मिल गया है।