राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत हजारों करोड़ों के घोटाले में वह पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के साथ आरोपी थे। इस समय वह जमानत पर थे। तबीयत खराब होने पर दस दिन पूर्व उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें दिल की बीमारी थी। हृदय का ऑपरेशन होना था, मगर शनिवार की देर रात उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
रामप्रसाद जायसवाल वर्ष 2007 में बरहज से विधायक चुने गए थे। लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव से पूर्व वह एनआरएचएम घोटाला के लपेटे में आ गए। घोटाले में नाम आने के बाद 2012 के चुनाव में रामप्रसाद ने अपनी पतनी रेनू जायसवाल को बरहज सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया, लेकिन वह हार गईं।
मौजूदा चुनाव में उनके पुत्र मुरली मनोहर जायसवाल बसपा के प्रत्याशी हैं। एनआरएचएम घोटाला में हिरासत के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। उसके बाद न्यायालय ने जमानत दे दी। 15 दिन पूर्व हालत खराब होने पर के गुरुग्राम (गुड़गांव) के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने दिल की सर्जरी की सलाह दी थी। ऑपरेशन से पहले ही शनिवार की रात लगभग एक बजे उनका निधन हो गया।
मायावती राज के इस घोटाले से जुड़े सीएमओ सहित कुछ लोगों ने आत्महत्या कर ली और कुछ को गोली मार दी गई थी।