एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, बहराइच जनपद निवासी अजय तिवारी वर्ष 1995 हत्या के एक मामले में जिला जेल बहराइच में अपने पिता मुनीजर तिवारी के साथ बंद था। दोनों को अजीवन कारावास की सजा हुआ थी।
वर्ष 2010 में अजय तिवारी पुलिस अभिरक्षा से भाग निकला था। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर खीरी जनपद में 25 किलो चांदी लूट की वारदात को अंजाम दिया। खीरी पुलिस ने उसको गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। इसके बाद 30 जुलाई, 2014 को आरोपी अजय तिवारी अपने साथी रवींद्र लोध के साथ जिला जेल से असलहे के बल पर मोटरसाइकिल लूटकर फरार हो गया था।
फरार अजय की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। एसटीएफ की टीम को अजय की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया तो तो एसटीएफ को पता चला कि अजय नेपाल में रह रहा है। इस बीच यह भी जानकारी मिली कि वह अक्सर नेपाल से भारत आकर अपने लोगों से मिलता भी है।
एसटीएफ को जानकारी मिली कि अजय लखनऊ के आलमबाग इलाके में लोको शेड के पास आने वाला है। इसी सूचना पर एसटीएफ ने घेराबंदी करते हुए आरोपी अजय तिवारी को धर लिया।
तलाशी में उसके पास से फर्जी मतदाता पहचानपत्र, 1675 नेपाली मुद्रा, 1520 भारतीय मुद्रा, एक मोबाइल फोन, एक नेपाल का सिम कार्ड व एक वोडाफोन का सिम बरामद किया गया। पूछताछ में आरोपी अजय ने बताया कि लखीमपुर जिला कारागार से भागने के लिए बदमाश अरविंद मिश्रा के साथ मिलकर योजना बनाई थी। पकड़े गए आरोपी अजय के खिलाफ 8 आपराधिक मामले दर्ज हैं।