वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि डॉ. अभय गुप्ता के छह वर्षीय पुत्र आरुष गुप्ता का पिछले दिनों डॉक्टर की गाड़ी चलाने वाले युवक व उसके दो साथियों ने अपहरण कर लिया था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपहृत आरुष को न सिर्फ चंद घंटों में बरामद कर लिया था, बल्कि गाड़ी के चालक व उसके एक साथी को भी हिरासत में ले लिया था।
पुलिस के अनुसार, अपहर्ताओं के तीसरे साथी राजेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी बाकी थी। एसएसपी की ओर से इस मामले में फरार चल रहे आरोपी राजेंद्र तिवारी पर पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इसकी गिरफ्तारी के लिए स्वाट टीम प्रभारी विक्रम सिंह व प्रभारी निरीक्षक सदर बाजार आशीष मिश्रा को लगाया गया था।
इसी क्रम में स्वाट टीम प्रभारी विक्रम सिंह को सूचना मिली कि आरोपी घुघुवा रोड पर कहीं भागने की फिराक में खड़ा है। सूचना मिलते ही उन्होंने सदर बाजार थाना प्रभारी के साथ बताए गए, स्थान पर दबिश दी और आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम राजेंद्र तिवारी बताया।
उसने बताया, “मेरा भाई राघवेंद्र तिवारी डॉ. अभय गुप्ता के यहां गाड़ी का ड्राइवर था। उसने अपने भाई तथा एक अन्य सहयोग अजय परिहार के साथ मिलकर आरुष का अपहरण किया था।”
एसएसपी ने बताया कि इस अपहरणकांड में राजेंद्र तिवारी को फिरौती की रकम वसूलने व अपहृत को छिपाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।