Sunday , 19 May 2024

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उप्र : दुष्कर्म के मामले में अग्रिम विवेचना के आदेश

पुलिस ने कोतवाली में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 135/2015 की विवेचना के आदेश पुलिस चौकी राधा नगर के प्रभारी को दिया। मगर चौकी प्रभारी ने पीड़िता के साथ गत वर्ष 20 सितंबर को हुई दुष्कर्म की घटना के संदर्भ में अदालत में दर्ज बयानों का भी संज्ञान नहीं लिया, बल्कि आरोपियों से मिलकर अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी। लेकिन अदालत ने पीड़िता की ओर से दर्शाए गए तथ्यों का संज्ञान लेते हुए पुलिस की अंतिम रिपोर्ट निरस्त कर दी और पुन: विवेचना के आदेश दिए।

पीड़िता को जब पता चला कि विवेचक ने उसकी घटना को झूठी करार दिया और आरोपियों से मिलकर पूरी कहानी ही बदल दी, तब पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के सहयोग से विवेचक द्वारा भेजी गई अंतिम रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अदालत के समक्ष प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई।

उसने अपने प्रार्थनापत्र में आरोप लगाया है कि घटना के तीन माह बाद उसका 6 अप्रैल 2015 को चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। उसने विवेचक पर यह भी आरोप लगाया कि दुष्कर्म के आरोपियों को लाभान्वित करने के लिए विवेचक ने धन-बल के सहारे उनकी हर संभव मदद ही नहीं किया, बल्कि न्यायालय में पीड़िता द्वारा दर्ज कराए गए धारा 164 के बयानों को भी नजरअंदाज कर दिया।

अदालत ने पीड़िता के प्रार्थनापत्र को स्वीकार करते हुए पुलिस की विवेचना के बाद भी भेजी गई अंतिम आख्या को निरस्त कर दिया और विवेचक को इस बात के लिए आदेशित किया कि वह पीड़िता द्वारा पेश प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र में उल्लिखित बिंदुओं पर अग्रिम विवेचना कर अपनी रिपोर्ट न्यायलय में दो माह के अंदर पेश करे। अदालत के इस आदेश के बाद आरोपियों में हड़कंप मच गया है।

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