अभियोजन पक्ष के मुताबिक, भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर ग्राम निवासी एक महिला ने आरोपियों के विरुद्ध थाने में एफआईआर दर्ज कराया कि 21 अक्टूबर 2007 की रात 9.30 बजे उनके घर पर डिक्की सिंह व अन्य पांच लोगों ने अचानक धावा बोल दिया तथा वादिनी को मारपीट कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। वादिनी की लड़की सुमन इस घटना को देखकर डर गई और भागने लगी।
अभियुक्तों ने उसे दौड़ाकर पकड़ा लिया और उसके साथ भी सामूहिक दुष्कर्म किया। शोर सुनकर बेचनी देवी मौके पर आ गई, जिसने मुज्लिमों का विरोध किया तो वे उसे भी उठा लिए और दो सौ मीटर दूर ले जाकर उसके साथ भी सामूहिक दुष्कर्म किया तथा जान से मार डालने की धमकी देते हुए चले गए।
इस मामले में वादिनी उर्मिला देवी ने पुलिस अधीक्षक के यहां 28 अक्टूबर 2007 को प्रार्थनापत्र दिया, जिस पर विवेचना की गई। विवेचक ने विवेचना के दौरान तीन अन्य आरोपियों के भी नाम बढ़ा दिए।
पुलिस ने चार आरोपियों- क्रमश: भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र के इब्राहिम् पुर निवासी डिक्की सिंह, संजय सिंह, राजू सिंह व बहरियाबाद थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव निवासी सुहाग यादव के विरुद्ध न्यायालय में आरोपपत्र प्रस्तुत कर दिया। इस पर विचार हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल आठ गवाह परीक्षित किए गए।
न्यायालय ने दुष्कर्म, मारपीट, जान से मारने की धमकी के मामले में सभी चार आरोपियों को दोषी पाया। न्यायालय ने धारा 376 के अंर्तगत 14 साल कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना, धारा 354 में पांच वर्ष की कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना, धारा 506 में एक वर्ष की कैद व एक हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 323 में छह माह कैद की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।