लखनऊ, 5 सितंबर । उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद ने पशुपालकों की मदद से दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए सराहनीय पहल की है। उच्च गुणवत्ता वाले देसी नस्लों के साड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए पशुपालकों के दुधारू पशुओं का चयन करके उनका उच्च गुणवत्ता वाले सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान कराया जाएगा।
परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बी.बी.एस. यादव ने बताया कि योजना के तहत पशुपालकों की गायों का कृत्रिम गर्भाधान किए जाने के बाद यदि बछिया पैदा होती है तो उसे पशुपालक को दे दी जाएगी। यदि बछड़ा उत्पन्न होगा तो उप्र पशुधन विकास परिषद उस अच्छी नस्ल के बछड़े को 5000 रुपये में पशुपालक से खरीदेगा।
डॉ. यादव ने बताया कि पशु की देखरेख के लिए पशुपालक को 1000 रुपये दिए जाएंगे। शुरुआत में कृत्रिम गर्भाधान के कलए मुर्रा भैंस, गंगातीरी तथा साहीवाल गायों को शामिल किया गया है। तीनों स्वदेशी दुधारू नस्लों के संर्वधन के लिए आठ जनपदों- लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर तथा मुरादाबाद का चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन चयनित जनपदों के ग्रामों में उच्च गुणवत्ता को दुधारू पशुओं के चयन के लिए मिल्क रीडरों की नियुक्ति की जाएगी जो ग्रामों में पशुपालकों के घर-घर जाकर दुधारू पशुओं का सर्वेक्षण करेंगे। सर्वेक्षण के बाद कृत्रिम गर्भाधान के लिए मादा दुधारू पशुओं का चयन किया जाएगा।
डॉ. यादव ने बताया कि कृत्रिम गभार्धान से यदि बछिया जन्मेगी तो पशुपालक को दी जाएगी और यदि बछड़े का जन्म होगा तो परिषद उसे स्वयं खरीद लेगा और उसका अच्छी नस्ल के सांड़ के रूप में पालन पोषण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रति 20 गांवों पर एक पर्यवेक्षक तथा प्रति 50 गांवों पर एक योजना प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी।