वित्तीय वर्ष 2012-13 और 2013-14 में शौचालय निर्माण के लिए जारी किए गए बजट के दुरुपयोग का मामला जिले में सामने आया था। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में दायर की गई जनहित याचिका के बाद प्रमुख सचिव पंचायतीराज ने इस मामले पर सख्त रुख अपना लिया था।
इस मामले में 24 तत्कालीन ग्राम सचिवों और 33 तत्कालीन ग्राम प्रधानों के विरुद्ध जनपद के 14 थानों में एफआइआर दर्ज करा दी गई थी। इसके बाद सभी ग्राम सचिवों को निलंबित कर दिया गया था। इससे इतर तीन एडीओ पंचायत भी निलंबित कर दिए गए थे।
अब इस मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर की पड़ताल की जा रही है। अलग-अलग थानों में तैनात किए गए विवेचना अधिकारियों को जांच के लिए अभिलेखों की आवश्यकता पड़ रही है। इसी क्रम में बुधवार को हरपालपुर थाने में तैनात उप निरीक्षक कृष्ण पाल सिंह जांच के लिए पंचायत राज विभाग के कार्यालय पहुंचे। शौचालय निर्माण से जुड़ी नियमावली आदि अन्य अभिलेख भी उन्होंने मांगे।
सिंह ने बताया कि सेमरिया के तत्कालीन ग्राम प्रधान और सचिव के विरुद्ध दर्ज कराई गई एफआइआर से जुड़े अभिलेख जुटाने के लिए वे पंचायत राज कार्यालय गए थे।