अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट रामकरन ने यह फैसला सुनाया। शासकीय अधिवक्ता टीएन मिश्रा के अनुसार, वादी जुहैर अब्बास ने थाना कासिमपुर में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि उसने अपनी बहन फाखरा बानो की शादी वर्ष 2006 में गौरी खालसा थाना कासिमपुर निवासी शकील अब्बास के साथ की थी। उसकी बहन के दो लड़के मो. हमजा (2), शायान अब्बास (7) है। पति शकील व सास अली फातिमा उसकी बहन को मारते-पीटते रहते थे। घर बनवाने व खर्च के लिए रुपये मायके से लाने को कहते थे।
जुहैर के मुताबिक, बहन फाखराबानो जब अपने पति शकील अब्बास से काम धंधा करने को कहती थी तो बहन को मारने-पीटने लगता था। वहीं 2-3 दिसंबर, 2013 की रात में शकील अब्बास व उसकी मां अली फातिमा रात में बहन व बच्चों के साथ मारपीट कर रहे थे। तब पड़ोस के लोगों ने बीच-बचाव कर दिया। लेकिन रात में शकील अब्बास व उसकी मां अली फातिमा ने दोनों बच्चों मो. हमजा व शायान अब्बास व बहन फाखरा की गला दबाकर हत्या कर दी। तीनों शव घर में छोड़कर पति शकील अब्बास व उसकी मां घर से गायब हो गए थे।
न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण को फखरा बानो व उसके बच्चों मो. हमजा एवं शायान अब्बास की हत्या का दोषी पाया। आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त शकील अब्बाद व अली फातिमा निवासी गौरी खालसा थाना कासिमपुर को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड सुनाया। अर्थदंड न देने पर 3 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।