नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)। देश के उद्योग व कारोबार का प्रमुख संगठन एसोचैम ने रविवार को कहा कि भारतीय गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसीज) भले ही उस समय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही हैं जब बैंकिंग प्रणाली डूबे हुए कर्ज को लेकर जूझ रही हैं, लेकिन निवेश बढ़ाने के लिए इनको नई प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत है।
ब्रिटिश परामर्शता प्राइसवाटरहाउस (पीडब्ल्यूसी) के साथ मिलकर किए गए अपने अध्ययन का जिक्र करते हुए एसोचैम ने कहा, “निजी पूंजी के जरिये एनएफसीज के कारोबार में तेजी दिख रही है लेकिन हाइब्रिड वर्ल्ड, जहां डिजिटल व फिजिकल का मिश्रण है, में आगे बढ़ने के लिए इनको मौजूदा बिजनेस मॉडल में सुधार पर विचार करने की जरूरत है।”
उद्योग संगठन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि डूबे हुए कर्ज में बढ़ोतरी को लेकर बैंक अपने बटुए की रस्सी सख्त कर रही है, जिससे भारतीय एनएफसीज को बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिल रही है। लेकिन इनको प्राइवेट इक्विटी निवेश को आकर्षित करने के लिए नए ग्राहकों की आकांक्षाओं के अनुरूप नई प्रौद्योगिकी अपनानी होगी।