कोलकाता, 21 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 11 आवेदकों को भुगतान बैंक (पीबी) की मंजूरी देने के बाद कठिन प्रतियोगिता की संभावना जताते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि गांवों में बिना बैंक सुविधा वाले क्षेत्रों वह अपने ग्राहक सेवा केंद्रों (सीएसपी) की संख्या बढ़ाएगा।
फिक्की बैंकिंग सम्मेलन में यहां एसबीआई की अध्यक्ष अरुं धति भट्टाचार्य ने कहा, “हमें भविष्य में काफी अधिक प्रतियोगिता दिखाई पड़ रही है।”
उन्होंने कहा कि सेवा, लेन-देन के आकार तथा अन्य मामलों में सामान्य बैंक पीबी से काफी आगे हैं, लेकिन गांवों में पहुंच के मामले में पीबी सामान्य बैंकों से आगे निकल जाएंगे।
अरुं धति ने कहा, “ग्रामीण बैंकिंग सुविधा रहित क्षेत्रों में पीबी की बेहतर पहुंच होगी, इसलिए हम भी इस क्षेत्र के लिए कम खर्च वाला मॉडल ला रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि गांव में बैंक की शाखा स्थापित करने में काफी खर्च है, लेकिन सीएसपी स्थापित करने में कम खर्च है।
अरुं धति ने कहा कि पीबी छोटे लेन-देन का काम देखेगा और ग्रामीण ग्राहकों को सेवा देंगे, लेकिन बड़े लेन-देन के लिए ये अधिक कारगर नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, “पीबी ऋण नहीं देंगे, इसलिए उनकी साख इतिहास में रुचि नहीं होगी।”
अरुं धति ने कहा कि विकसित देशों में साख इतिहास का काफी महत्व है।
उन्होंने कहा, “विकसित देशों में क्रेडिट कार्ड के बिना आपका अस्तित्व ही नहीं होता है। इसके बिना आप कुछ नहीं कर सकते।”
एसबीआई पश्चिम बंगाल में बैंकिंग सुविधा रहित पंचायतों में 500 नए सीएसपी खोलेगा।