नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बुलंदशहर की एक एसिड अटैक पीड़िता की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। बुलंदशहर में एसिड हमले की शिकार पीड़िता ने एक दिन पहले तीन तलाक को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर और डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि याचिका पर 17 सितंबर को सुनवाई की जाएगी।
पीड़ित शबनम रानी पर गुरुवार को उसके देवर ने अपने साथ ‘निकाह-हलाला करने से इनकार करने पर’ एसिड फेंक दिया था।
कथित तौर पर बुधवार को ससुराल के लोगों द्वारा पिटाई किए जाने के बाद जब शबनम रानी शिकायत दर्ज कराने जा रही थीं, तभी रास्ते में यह हमला किया गया।
एसिड हमले के बाद उन्होंने सुरक्षा व चिकित्सा इलाज के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
शबनम रानी शीर्ष अदालत में निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली महिलाओं में शामिल हैं।
इससे पहले उन्होंने अपने पति द्वारा शादी के डेढ़ साल बाद तीन तलाक दिए जाने पर शीर्ष अदालत से संपर्क किया था।
वह तलाक के बावजूद अपने ससुराल वालों के साथ बुलंदशहर में रह रही हैं।
शीर्ष अदालत के समक्ष बहुविवाह प्रथा, ‘निकाह हलाला’, ‘निकाह मुताह'(शिया में अस्थायी शादी), ‘निकाह मिस्यार'(सुन्नी में थोड़े समय की शादी) को लेकर संविधान की धारा 14, 15 व 21 के अतिक्रमण को आधार बनाकर दायर कई याचिकाएं लंबित हैं।