सागर(पंकज सोनी की रिपोर्ट) -पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी के एसई ने एस्सेल को बकाया राशि जमा करने का नोटिस भेजा था जिसमें साफ लिखा था कि ऐसा न करने पर जो दोनों कंपनियों के बीच अनुबंध हुआ है उसे निरस्त किया जायेगा । एस्सेल के 14 करोड़ 70 लाख इसी वजह से जब्त कर दिए । यदि सरकारी कामकाज की भाषा को आधार माने तो ये अनुबंध निरस्त हो चुका है । एस्सेल के डिफाल्टर होने और राशि जब्त किए जाने के साथ ही एस्सेल और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के बीच हुए अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन हो जाने से एस्सेल को जिले से विधिक रुप से कार्य करने की अधिकार(अधिकारिता) भी नहीं रह जाती ।
ऐसे में सागर के पास इस निजी कंपनी को सागर से बाहर का रास्ता दिखाने का एक मौका हाथ लगा है । आम जनता विधायक शैलेंद्र जैन और सांसद लक्ष्मीनारायण यादव से बात कर उन पर दवाब बना सकती है । वहीं जिले के दो मंत्री भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव भी जनता की आवाज को विधानसभा तक ले जा सकते है । यदि अब भी यहां के नेता कुछ नहीं करते है तो ये माना जाना चाहिए कि कांग्रेस के पीसीसी चीफ अरूण यादव के हाल ही में सागर में भाजपा नेताओं पर एस्सेल की बंदरबांट में शामिल होने के आरोप सहीं है ।
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