भुवनेश्वर, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। ओडिशा सरकार ने शनिवार को नए खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन अधिनियम, 2015 के तहत 26 कोयला खदानों की पट्टा अवधि बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं।
इस आदेश में सरकार ने खदान पट्टाधारकों से तीन महीने के भीतर सरकार के साथ अनुपूरक पट्टा अनुबंध पूरा कर लेने को कहा है, जो निश्चित शर्तो के अधीन होगा।
ओडिशा के इस्पात एवं खनन सचिव आर.के.शर्मा के मुताबिक, “सरकार ने अंतर-विभागीय समिति की सिफारिशों और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद 26 कोयला खदानों की पट्टा अवधि बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। खदान संचालकों को कहा गया है कि वे अपनी खदानों के संचालन के लिए तीन महीने के भीतर पट्टा अनुबंध पूरा कर ले।”
इन खदानों के संचालन के नवीनीकरण से 3.2 करोड़ टन लौह अयस्क उत्पादन हो सकता है। इनमें 22 लौह और मैंग्नीज अयस्क की खदानें शामिल हैं।
हालांकि, सरकार ने पट्टेदारों को कुछ शर्तो का पालन करने को कहा है।
सभी खदान मालिकों को पट्टा अनुबंधों से पहले वन विभाग की मंजूरी लेनी होगी।
इसके अलावा, इन खदानों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार ही आदेशों का पालन करना होगा।
इसके साथ ही पट्टाधारकों को 26 कोयला खदानों के मामले में ओडिशा उच्च न्यायालय से संबंधित आदेश का पालन करना होगा।
अदालत ने सरकार को आदेश दिया था कि इन पट्टों का संचालन विस्तार 27 अप्रैल से पहले कर दिया जाए।
ओडिशा के विकास आयुक्त यू.एन.बेहरा के नेतृत्व में एक अंतर-विभागीय समिति ने 26 कोयला खदानों के संचालन की सिफारिश की थी, जिसमें 22 लौह एवं मैग्नीज खदानें शामिल हैं, जिन्हें मई 2014 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद बंद कर दिया गया था।
अदालत ने राज्य में 26 कोयला खदानों को बंद करने का आदेश दिया था, जो खनिज रियायत कानून (एमसीआर), 1960 के मानद पट्टा विस्तार प्रावधान के तहत संचालित हो रहे थे।
इसके बाद सरकार ने राज्य में आठ कोयला खदानों के संचालन के आदेश जारी किए। इस आदेश के तहत संचालित खदानों में से भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) की तीन और ओएमसी कंपनी की एक खदान के पट्टा अनुबंध पूरे कर लिए गए हैं और उन्हें विस्तार दे दिया गया है।
शर्मा ने कहा कि अब पट्टा अनुबंध के लागू होने के बाद बाकी बची 18 लौह एवं मैंग्नीज खदानें, चूना पत्थर और डोलोमाइट की अन्य चार खदानों का संचाल किया जाएगा।
सरकार के इस फैसले से कई खदान मालिकों जैसे टाटा स्टील, केजेएस आहलूवालिया, मध्यपूर्व की स्टील कंपनी, केपी इंटरप्राइजेज, कलिंगा माइनिंग कॉर्पोरेशन और केएन राम को लाभ होगा।