नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रितु रानी ने रविवार को कहा कि ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना भारतीय टीम के लिए सपना सच होने जैसा है।
गौरतलब है कि भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को रियो ओलम्पिक-2016 के लिए क्वालीफाई कर लिया।
ओलम्पिक में भारतीय महिला टीम हॉकी टीम पूरे 36 वर्ष बाद खेलेगी। इससे पहले भारतीय टीम ने 1980 में मास्को में हुए ओलम्पिक में हिस्सा लिया था और चौथे स्थान पर रही थी।
भारतीय टीम हाल ही में बेल्जियम में हुए हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) सेमीफाइनल्स में पांचवें स्थान पर रही थी और ओलम्पिक क्वालीफिकेशन की दौड़ में बनी हुई थी।
शुक्रवार को यूरोहॉकी चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों स्पेन की हार के साथ ही भारतीय टीम ने रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया।
हॉकी इंडिया (एचआई) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में रानी ने कहा, “यह किसी सपने के सच होने जैसा है। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि हम रियो ओलम्पिक में प्रवेश कर चुके हैं। हमें इंग्लैंड और स्पेन के बीच होने वाले मैच में अपनी संभावनाओं के बारे में पता था और हमें मैच परिणाम का ही इंतजार था।”
ओलम्पिक में प्रवेश पा बेहद उत्साहित रानी ने कहा, “जब हमें पता चला कि हमने क्वालीफाई कर लिया है तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह किसी भी खिलाड़ी के जीवन का सबसे अनमोल क्षण है और हम आश्वस्त करते हैं कि ओलम्पिक में शीर्ष-3 में आकर हम इसे और यादगार बना देंगे।”
भारतीय टीम की स्टार स्ट्राइकर रानी रामपाल को अभी भी विश्वास नहीं हो पा रहा कि वह रियो में तिरंगे के साथ मैदान पर उतरेंगी।
रानी रामपाल ने कहा, “यह अविश्वसनीय है। हमें इसका पूरा विश्वास था, लेकिन जब हमने क्वालीफाई कर लिया है तो इस पर विश्वास नहीं हो रहा। हम इसी क्षण के लिए इतने वर्षो से खेल रहे थे और कठिन मेहनत कर रहे थे।”
गोलकीपर सविता पुनिया का मानना है कि एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल्स में जापान के खिलाफ मैच भारत के लिए तकदीर बदलने वाला साबित हुआ।
सविता ने कहा, “एंटवर्प में जापान के खिलाफ मैच की यादें अभी भी मेरे दिमाग में ताजा हैं। हमें पता था कि एक जीत हमें ओलम्पिक क्वालीफिकेशन की दौड़ में बनाए रखेगी और इसलिए मुझे यह सुनिश्चित करना था कि किसी भी हाल में जापान गोल न कर सके। हमने उस मैच में शुरुआत में गोल हासिल कर लिया और उसके बाद जिम्मेदारी गोल बचाने की आ गई। तब टीम की हर खिलाड़ी ने डिफेंस की जिम्मेदारी ली।”
भारतीय टीम के मुख्य कोच माथियास आहरेंस ने कहा, “जब मैं टीम से जुड़ा तो मेरा पहला लक्ष्य था कि टीम रियो ओलम्पिक में क्वालीफाई करे। एंटवर्प में हर मैच के दौरान मैंने खिलाड़ियों को याद दिलाया कि उनके लिए रियो पहुंचने का यही मौका है।”