नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। जकार्ता एशियाई खेलों में रजत और कांस्य पदक जीतने वाली महिला और पुरुष कबड्डी टीमें दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद शनिवार को मैच खेलने नहीं पहुंचीं। इस कारण न्यायालय द्वारा तय ट्रायल्स पर अभी भी संशय बना हुआ है।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। जकार्ता एशियाई खेलों में रजत और कांस्य पदक जीतने वाली महिला और पुरुष कबड्डी टीमें दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद शनिवार को मैच खेलने नहीं पहुंचीं। इस कारण न्यायालय द्वारा तय ट्रायल्स पर अभी भी संशय बना हुआ है।
यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम परिसर में स्थित केडी जाधव कुश्ती स्टेडियम में शनिवार को इस मुकाबले (ट्रायल्स) में उन पुरुष व महिला खिलाड़ियों को शामिल होना था, जिन्होंने 18वें एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और जिन्हें इन खेलों के लिए टीम में नहीं चुना गया था।
इस मैच के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एस.पी गर्ग और खेल एवं युवा मंत्रालय के एक अधिकारी पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।
राष्ट्रीय टीमें यहां पर मैच खेलने नहीं आई, लेकिन स्टेडियम में ही दूसरे खिलाड़ियों (जिनमें अधिकतर जूनियर और स्कूली बच्चे थे) का मैच चल रहा था और जब इस मैच के बारे में पूछा गया तो भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की अधिकारी मीना वोहरा ने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार यह ओपन ट्रायल (मैच ) चल रहा है और हम इसमें सर्वश्रेष्ठ 12 खिलाड़ियों को चुनकर कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
गर्ग से जब यह पूछा गया कि जब एशियाई खेलों में भाग लेने वाली पुरुष और महिला टीमें यहां नहीं आई हैं तो फिर इस पूरी ट्रायल्स प्रक्रिया का क्या मकसद है? तो उन्होंने ने भी इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
गर्ग ने कहा, ” आप कोर्ट के आदेश को पढ़ सकते हैं। मैं यहां पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद हूं।”
याचिकाकर्ता के वकील भरत नागर से जब यह पूछा गया कि कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहीं नहीं कहा है कि राष्ट्रीय टीम को ट्रायल प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा, उन्होंने कहा, “हम कोर्ट को यह बताएंगे कि हम ट्रायल्स के आए थे, लेकिन भारतीय टीमें नहीं आईं।”
इस दौरान एकेएफआई के संयुक्त सचिव देवराज चतुर्वेदी भी मौजूद थे। चतुर्वेदी से जब यह पूछा गया कि यहां कौन सी ट्रायल्स आयोजित होनी थी और जब ट्रायल्स होने थे तो राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेने क्यों नहीं आए? चतुर्वेदी ने भी बिना कोई स्पष्टीकरण दिए कहा, “कोर्ट के आदेशों का पालन हो रहा है। मैं केवल अदालत के आदेशों का पालन कर रहा हूं।”
चतुर्वेदी ने कहा, ” मुझे नहीं पता अदालत का क्या आदेश है। मुझे जाने दीजिए क्योंकि मैं एक वेतन पाने वाला कर्मचारी हूं। मेरा पद संयुक्त सचिव का है और मेरा काम रेफरी मुहैया कराना और ट्रायल्स का प्रबंध करना था, जो मैंने कर दिया है।”
दरअसल, एशियाई खेलों के लिए भारतीय कबड्डी टीमों के रवाना होने से पहले पूर्व कबड्डी खिलाड़ी महिपाल सिंह ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एएफकेआई) पर घूस लेकर खिलाड़ियों के चयन का आरोप लगाया था।
इसके बाद, अदालत ने निर्णय लिया कि खेलों के समापन के बाद एक ट्रायल मैच का आयोजन किया जाएगा ताकि यह पता चल पाए कि खिलाड़ियों के चयन के मामले में महिपाल सिंह के आरोप सही हैं या नहीं।
इस पूरे मामले पर अब दिल्ली उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होनी है।