बेंगलुरू, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार द्वारा कावेरी के मुद्दे पर बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक में राज्य की विपक्षी पार्टियों ने बुधवार को अपना कड़ा रुख दिखाया और सिद्धारमैया सरकार से तमिलनाडु के लिए नदी का पानी नहीं छोड़ने के लिए कहा।
इस मुद्दे पर चली लंबी सर्वदलीय बैठक के बाद भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टार ने संवादताओं से कहा, “हमने राज्य सरकार से कावेरी का पानी तमिलनाडु को सिंचाई के लिए नहीं छोड़ने को कहा है। नदी बेसिन क्षेत्र में हमारे लोगों की पीने के लिए पानी की जरूरत पूरी करने के लिए यह आवश्यक है।”
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कर्नाटक को 6,000 क्यूसेक रोज तीन दिनों तक बुधवार से शुक्रवार तक पानी छोड़ने का निर्देश दिया। जबकि कर्नाटक विधानमंडल ने 23 सितंबर को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें चार बांधों के पानी का उपयोग सिर्फ पीने के लिए करने की बात शामिल है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरह ही जनता दल (सेक्युलर) के विधायक वाई.एस.वी. दत्ता ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भी राज्य सरकार को गुरुवार की बैठक का नतीजा नहीं आने तक पानी नहीं छोड़ने के लिए कह दिया है। शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार गुरुवार को नई दिल्ली में दोनों राज्यों की केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के साथ बैठक होनी है।
दत्ता ने कहा, “हमने बुधवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ने के लिए कहा है। हम गुरुवार को दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद उनसे मुलाकात करेंगे। हमने उनसे यह भी कहा है कि हमारा प्रस्ताव ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
चूंकि दोनों राज्य अपने-अपने रुखों पर अड़े हुए हैं, लिहाजा सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई शुरू करने से पहले केंद्र सरकार को मामले को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आवश्यक बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।
राज्य के जल संसाधन मंत्री एम.बी. पाटील ने संवाददाताओं से कहा, “मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों के विचार और सुझाव सुने। कैबिनेट ने भी यही चर्चा की और मामले में फैसला सर्वोच्च अदालत के आदेश के पक्ष और विपक्ष को देखते हुए लिया जाएगा।”