काबुल/नई दिल्ली, 14 मई (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि काबुल के अतिथिगृह पर तालिबान आतंकवादियों के हमले का निशाना भारतीय राजदूत अमर सिन्हा थे। आतंकवादियों ने यह सोचकर हमला किया था कि भारतीय राजदूत वहां मौजूद हैं।
अधिकारियों ने बताया कि काबुल के कोलोला पोश्ता स्थित पार्क पैलेस अतिथिगृह में बुधवार रात आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें चार भारतीयों सहित 14 लोगों की मौत हो गई।
‘खामा प्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति अशरफ गनी के ‘गुड गवर्नेस’ मामलों के दूत अहमद जिया मसूद ने संवाददाताओं को बताया कि आतंकवादियों ने यह सोचकर अतिथिगृह पर हमला किया कि भारतीय राजनयिक परिसर में मौजूद हैं।
मसूद ने बुधवार देर रात दुर्घटना स्थल का दौरा किया और यहां संवाददाताओं को जानकारी दी।
‘खामा प्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, “मसूद ने बताया कि पार्क प्लेस अतिथिगृह पर हुआ हमला संभवत: राजनैतिक हमला है, लेकिन उन्होंने (मसूद) ज्यादा जानकारी नहीं दी।”
इसमें आगे बताया गया, “पहले एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया था कि अतिथिगृह में एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन होना था, जिसमें तुर्की और भारतीय मेहमानों के साथ-साथ अफगान नागरिक भी शामिल होने वाले थे।”
सिन्हा ने हमले में भारतीय नागरिकों के हताहत होने के संबंध में ट्विटर पर जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “काबुल अतिथिगृह हमले में दुर्भाग्य से कुछ भारतीयों की भी जान गई है।”
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खबर सुनने के बाद वहां के हालात को लेकर वह चिंतित हैं।
मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “मुझे विमान में यह खबर मिली कि काबुल में हमला हुआ है। वहां के हालात को लेकर मैं चिंतित हूं और सबके सुरक्षित होने की दुआ कर रहा हूं।”
बंदूकों से लैस तालिबान आतंकवादियों ने बुधवार रात पार्क पैलेस गेस्टहाउस पर उस समय हमला किया, जब वहां दावत चल रही थी और लोग संगीत कार्यक्रम शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। सुरक्षा बलों और आतंकवादियों की मुठभेड़ गुरुवार सुबह तक करीब सात घंटे चली।
काबुल के पुलिस प्रमुख अब्दुल रहमान ने बताया कि 54 लोगों को पैलेस से सुरक्षित बाहर निकाला गया।