नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष जी.एस. झा ने बुधवार को कहा कि कावेरी जल को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड (सीडब्ल्यूएमबी) सबसे आदर्श समाधान है।
सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह के अंदर सीडब्ल्यूएमबी के गठन का आदेश मंगलवार को दिया था।
यहां एसोचेम के एक कार्यक्रम में झा ने कहा, “तमिलनाडुऔर कर्नाटक के प्रतिनिधियों के साथ कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन चार सप्ताह के अंदर किया जाएगा।”
जल संग्रहण के महत्व पर जोर देते हुए झा ने कहा, “हम सुरक्षा लाने के बारे में तब तक नहीं सोच सकते हैं, जब तक हम जल संग्रह करने में सक्षम नहीं होंगे और बाद में उसे आवश्यकता अनुरूप नहीं छोडें़गे।”
उन्होंने इस पर दुख जताया कि जल क्षेत्र में निवेश के अनुपात में किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष एस. डी. दूबे ने कहा कि इस माह के अंत तक राष्ट्रीय विद्युत योजना सार्वजनिक कर दी जाएगी।
एसोचेम के अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने कहा कि पानी बर्बादी रोकने के लिए इसका मूल्य निर्धारण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “ऊर्जा के समानान्तर पानी का मूल्य निर्धारण किया जाना चाहिए। ताप ऊर्जा संयंत्र में पानी के आदर्शतम उपयोग, भूमिगत जल आधारित सिंचाई, पुनर्चक्रण और जल संरक्षण तथा वर्ष जल संग्रहण के लिए प्रौद्योगिकी का हस्तक्षेप जरूरी है।”